Jamtara : उपायुक्त फैज अक अहमद व पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार सिन्हा ने शनिवार को नारायणपुर थाना क्षेत्र के मुरलीपहाड़ी से लखनुडीह गांव तक फ्लैग मार्च किया. इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि आमजन को यह भरोसा दिलाने आए हैं कि प्रशासन मुस्तैद है. किसी प्रकार की अनहोनी या अप्रिय घटना नहीं होने देंगे. कहा कि हाल में विधि-व्यवस्था से संबंधित समस्या उत्पन्न हुई थी, जो जामताड़ा के लिए नई बात है.
दो पक्षों के बीच झड़प : उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति विधि-व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न करेगा, उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि 8 फरवरी की रात नारायणपुर थाना क्षेत्र के लखनुडीह गांव में सरस्वती पूजा विसर्जन के दौरान दो पक्षों के बीच झड़प हो गई थी. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच तनावपूर्ण माहौल था. इस घटना को लेकर चौकीदार के फर्द बयान पर दोनों पक्षों के 32 लोगों के विरूद्ध नारायणपुर थाना में मामला दर्ज किया गया है.
क्या है मामला : 8 फरवरी की रात 8:00 बजे बिहाजोरी से गाजे-बाजे के साथ सरस्वती पूजा की प्रतिमा विसर्जन को लेकर लखनुडीह के पहाड़िया टोला भ्रमण के लिए गया था. वापसी के दरम्यान दोनों समुदाय के बीच गाली – गलौज और पथराव हुआ था. इसके बाद पुलिस को लाठी चार्ज कर भीड़ को नियंत्रण करना पड़ा था.
शांति समिति की नहीं हुई थी बैठक : सरस्वती पूजा के मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से शांति समिति की बैठक को मुनासिब नहीं समझा गया था. जबकि कुछ वर्ष पूर्व भी नारायणपुर व करमाटांड़ थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों मे सरस्वती पूजा के विसर्जन के दरम्यान दो समुदाय के बीच विवाद हो चुका था. ऐसे में सरस्वती पूजा को लेकर प्रशासन को जितनी मुस्तैदी दिखानी चाहिए थी, उसकी पहल समय पर नहीं की गई, जिसके परिणाम स्वरूप तीन दिन तक सरस्वती पूजा के दरम्यान अलग-अलग हिस्सों में तनाव रहा. 06 फरवरी को करमाटांड़ थाना क्षेत्र के फिटकोरिया गांव से निकले विसर्जन जुलूस को छायटांड़ गांव में रोकने का प्रयास किया गया था. उसके बाद 7 फरवरी को नारायणपुर थाना क्षेत्र के टोपाटांड गांव के मोहली टोला में मूर्ति विसर्जन के दरम्यान भी विवाद हुआ था .
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