Jamtara: जिले के धान क्रय केंद्र पर धान की खरीद पर मनमानी हो रही है. किसानों से प्रति क्विटंल दस किलोग्राम धान की कटौती की जा रही है. धान की कटौति में राइस मिल मालिक व लैम्पस की भूमिका सामने आ रही है. इससे किसान परेशान हैं. उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है.
वे प्रति क्विंटल दस किलोग्राम का नुकसान सहकर लैम्पस में धान बेचने को विवश हैं. लैम्पस में मौजूद जनसेवक प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी से मिल मालिक द्वारा 10 किलोग्राम धान कटौती की शिकायत कर चुके है. लेकिन कुछ नहीं हुआ.
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जामताड़ा प्रखंडन्तर्गत दक्षिणबहाल गांव के रहने वाले किसान मनोजीत सर्खेल का आरोप है कि जामताड़ा लैम्पस में 41 क्विंटल 80 किलोग्राम धान बेचा है. इसमें 04 क्विंटल 18 किलोग्राम धान धूल-गर्दा के नाम पर काट लिया गया. यह कैसा इंसाफ है. इस पर ध्यान देने की जरुरत है.
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इसी तरह उदलबनी गांव के सपन पंडित भी पीड़ीत हैं. उन्होंने कहा कि उनके धान का वजन करवाया गया तो इनसे भी प्रतिक्वंटल 10 किलो धान की कटौती की गई. धान कटौति पर आमतौर पर यही बताया जाता है कि आपके धान में गर्दा है. इसी तरह की समस्या से सभी किसान जूझ रहे हैं.
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बता दें कि सरकार द्वारा साधारण धान का समर्थन मूल्य 1868 रुपया प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. इसमें करीब 182 रूपए प्रतिक्विंटल की दर से बोनस भी दिया जाना है. इस प्रकार किसानों को लैम्पस में धान बेचने पर 2 हजार 50 रूपए का भुगतान होना है. यह भुगतान डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में जमा होना है.
उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज ने कहा कि जिला आपूर्ति पदाधिकारी व अंचलाधिकारी को धान क्रय केंद्र में किसानो से धूल-गर्दा के नाम पर धान की हो रही कटौती की जांच करने का निर्देश दिया गया है. लेकिन पदाधिकरी की ओर से जांच कर प्रतिवेदन नहीं सौंपा गया है. कहा कि अगर लैम्पस व मिलर्स मनमाने तरीके से धान की कटौती कर रहे है, तो उनसे कटौती के ऐवज में राशि की वसूली की जाएगी.