Jamtara : स्लिंगशॉट एसोसिएशन ऑफ इंडिया और स्लिंगशॉट एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र के संयुक्त तत्वावधान में 30 अक्टूबर को शिर्डी साईं में छठी राष्ट्रीय स्लिंगशॉट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. झारखंड राज्य से प्रथम बार पांच खिलाड़ियों ने स्लिंगशॉट यानी “गुलेल” के खेल में भाग लिया. प्रतियोगिता में अपने-अपने आयु वर्ग में पांचों खिलाड़ियों ने पदक जीते. जिसमें दो स्वर्ण पदक , दो रजत पदक और एक कांस्य पदक शामिल हैं. प्रदीप मुर्मू अपने उम्र वर्ग में स्वर्ण पदक, रोशन दास ने भी अपने उम्र वर्ग में स्वर्ण पदक , परिमल टुडू ने अपने उम्र वर्ग में रजत पदक , संदीप टूडू ने भी अपने उम्र वर्ग में रजत पदक तथा अबीर मुखर्जी ने अपने उम्र वर्ग में कांस्य पदक जीता.
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सीईओ सूरज कुमार पासवान की सराहनीय भूमिका रही
राष्ट्रीय प्रतियोगिता में झारखंड टीम से प्रबंधक के रूप में संजीव सेन एवं स्लिंगशॉट एसोसिएशन ऑफ झारखंड के सीईओ सूरज कुमार पासवान के अथक प्रयास से ही खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन किया. प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए सभी खिलाड़ियों, कोच एवं प्रबंधकों का भव्य स्वागत किया गया. स्लिंगशॉट एसोसिएशन ऑफ झारखंड के अधिकारियों एवं सदस्यों ने अबीर-गुलाल लगाकर एवं मिठाइयां खिलाकर एक दूसरे को बधाई एवं शुभकामनाएं दी.
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जिलों में जाकर इस खेल का प्रचार-प्रसार करेंगे
स्लिंगशॉट एसोसिएशन ऑफ झारखंड के महासचिव दीपक दुबे ने कहा कि स्लिंगशॉट यानी “गुलेल” खेल को झारखंड राज्य में बढ़ावा देने के लिए हम झारखंड के विभिन्न जिलों में जाकर इस खेल का प्रचार-प्रसार करेंगे. एक राज्यस्तरीय कमेटी का गठन कर आने वाले समय में झारखंड के अधिकतर जिलों में हमारा प्रयास होगा कि लोगों के मुंह में अपवाद के रूप में चिड़िया मार “गुलेल” को अब स्लिंगशॉट खेल के नाम से उभारे. झारखंड के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता में 5 पदक जीते, जो कि संपूर्ण झारखंड के लिए गौरव की बात है. झारखंड में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस जरूरत है उसे प्लेटफार्म देने की. आने वाले समय में “गुलेल” के खेल को जामताड़ा सहित पूरे झारखंड में पहुचाएंगे. इस खेल को बढ़ावा देने के लिए आने वाले समय में झारखंड सरकार के खेल मंत्रालय से सहयोग की अपेक्षा है. यदि खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के रूप में सहयोग मिलना शुरू हो जाए तो झारखंड निश्चित रूप से इस खेल से देश एवं विदेशों में एक अलग पहचान बनाएगा.