Jamtara : दुमका लोकसभा सीट से भाजपा की प्रत्याशी सीता सोरेन ने कहा कि झामुमो में महिलाओं को सम्मान नहीं मिलता है. इसीलिए उन्हें पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल होना पड़ा. सीता सोरेन शनिवार को जामताड़ा में कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं. उन्होंने कहा कि इस बार दुमका में भाजपा को एक तरफा जीत मिलेगी. पिछले चुनाव की तुलना में इस बार अधिक वोटिंग होगी. उन्होंने कहा कि मैंने 14 साल तक झामुमो में रहकर जनता की सेवा की है. लेकिन घर-परिवार में मुझे कोई सम्मान नहीं मिला. मेरे पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन ने बाबा शिबू सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन में काफी संघर्ष किया, तब जाकर झारखंड अलग हुआ. लेकिन राज्य का जिस तरह विकास होना चाहिए था, वह झामुमो की सरकार में नहीं हो सका. पार्टी सिर्फ चंद लोगों में सिमट कर रह गई है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन मेरे अभिभावक हैं. मैं उनको चाचा कहती हूं, लेकिन उन्होंने तो अपने ही क्षेत्र में विकास का कुछ भी काम नहीं किया, तो दुमका लोकसभा क्षेत्र में भाजपा से कैसे टक्कर ले सकेंगे. नलिन सोरेन ने आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया. मौके पर पूर्व मंत्री लुईस मरांडी, पूर्व कृषि मंत्री सत्यानंद झा बाटुल, माधव चंद्र महतो, जामताड़ा जिला भाजपा अध्यक्ष सुमित शरण, कुंडहित मंडल अध्यक्ष सजल दास, जिला मीडिया सह प्रभारी कुंदन गोस्वामी सहित सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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