Ranchi : नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की जमीन के अधिग्रहण की अधिसूचना का 11 मई को अंतिम दिन था. केंद्रीय जन संघर्ष समिति ने राज्य के कई जिलों में बुधवार को विरोध प्रर्दशन किया. वहीं मेन रोड रांची में भी प्रर्दशन किया. नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना के अंतिम दिन गुमला लातेहार, रांची, लोहरदगा, रामगढ़ समेत राज्य भर में धरना प्रदर्शन आयोजित किये गये. रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर आदिवासी संघर्ष मोर्चा, माले, झारखंड जन अधिकार महासभा, आदिवासी अधिकार मंच समेत अन्य जनसंगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. अल्बर्ट एक्का चौक समेत गांधी प्रतिमा मोरहाबादी, बिरसा समाधि स्थल कोकर, अंबेडकर चौक डोरंडा, राजेंद्र चौक समेत अन्य स्थानों पर प्रदर्शन किया गया. मालूम हो कि गुमला व लातेहार के आदिवासियों ने इस अधिसूचना को रद्द करने की मांग को लेकर 180 किमी की पदयात्रा कर रांची आये थे और राज्यपाल से मिले थे.
दयामनी बरला ने कहा
मौके पर दयामनी बरला ने कहा कि झारखंड विशिष्टताओं की वजह से अलग राज्य बना है. यहां विकास और सुरक्षा के नाम पर सबसे ज्यादा आदिवासी गांवों को उजाड़ा गया है. झारखंड में लूट और शोषण का सिलसिला बंद हो. नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना को रद्द नहीं किया गया तो झारखंड के जल जंगल जमीन को बचाने के लिए आंदोलन और तेज होगा.
भाकपा माले के जिला सचिव ने कहा
भाकपा माले के जिला सचिव भुवनेश्वर केवट ने कहा कि सैन्य अभ्यास के नाम पर जंगलों की कटाई और कंक्रीट का ढेर खड़ा कर निर्माण की छूट नहीं दी जा सकती है. सेना के अभ्यास के लिए पर्याप्त ज़मीन है. नेतरहाट राज्य के पर्यावरण की कूंजी है. यह नहीं बचा तो सरकार भी नहीं बचेगी .
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