- फुमियो किशिदा ने मोदी को जी7 की बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया
- आपसी सहयोग के दो करार दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये गये
New Delhi : जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा सोमवार को दो दिन की यात्रा पर भारत आए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में हैदराबाद हाउस के बाहर उनका स्वागत किया. दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई. इस दौरान भारत और जापान के बीच मिलकर हथियार बनाने समेत कई मुद्दों पर बात हुई. दोनों नेताओं ने बुद्ध जयंती पार्क का दौरा किया. इसके बाद जापानी पीएम ने मोदी के साथ गोल गप्पे, लस्सी और आम पन्ना का लुत्फ उठाया. स्वाद के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. भारत और जापान ने वैश्विक उथल-पुथल के बीच दुनिया में टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखलाओं की स्थापना एवं स्थायित्व के लिए आर्थिक तथा तकनीकी सहयोग बढ़ाने के इरादे के साथ आपसी सहयोग के दो करार दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए.

रक्षा उपकरण और टेक्नोलॉजी सहयोग पर हुई बात
मोदी ने कहा, आज की हमारी बातचीत में हमने द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की. हमने रक्षा उपकरण और टेक्नोलॉजी सहयोग, व्यापार, स्वास्थ्य और डिजिटल साझेदारी पर बात की. सेमीकंडक्टर और अन्य क्रिटिकल टेक्नोलॉजी में विश्वस्त सप्लाई चेन के महत्व पर भी हमारे बीच चर्चा हुई. दोनों देशों के बीच क्रिटिकल टेक्नोलॉजी, डिजिटल समेत कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई. लॉजिस्टिक, फूड प्रोसेसिंग, स्टील, एमएसएमई जैसे क्षेत्रों में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई 2023 को टूरिज्म एक्सचेंज के रूप में मना रहे हैं. जापानी प्रधानमंत्री ने मई महीने में हिरोशिमा में होने वाली जी7 की बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया.
ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आवाज देना है
मोदी ने कहा, पिछले एक साल में प्रधानमंत्री किशिदा और मैं कई बार मिले हैं. हर बार मैंने भारत-जापान संबंधों के प्रति उनकी पॉजिटिविटी और प्रतिबद्धता को महसूस किया है. इसलिए आज उनकी यात्रा हमारे आपसी सहयोग का मोमेंटम बनाए रखने के लिए बहुत उपयोगी रहेगी. उन्होंने कहा, आज की हमारी मुलाकात एक और कारण से भी खास है. इस साल भारत जी 20 की अध्यक्षता कर रहा है और जापान जी 7 की. इसलिए अपनी-अपनी प्राथमिकताओं और हितों पर साथ मिलकर काम करने का यह उत्तम अवसर है. आज मैंने प्रधानमंत्री किशिदा को भारत की जी20 अध्यक्षता की प्राथमिकताओं के बारे में विस्तार से बताया. हमारी जी 20 अध्यक्षता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आवाज देना है. उन्होंने कहा, पिछले साल हमने अगले पांच साल में भारत में 3.20 लाख करोड़ रुपए के जापानी निवेश का लक्ष्य तय किया था. यह संतोष का विषय है कि इस दिशा में अच्छी प्रगति हुई है.
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