अप्रशिक्षित के हाथ में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट और मरीजों की सांस, प्रशिक्षित बाहर
Lakshmi Singh
Hussainabad (Palamu) : कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के कारण देश के सभी राज्यों के अस्पतालों में ऑक्सीजन एवं वेंटीलेटर की कमी हो गयी थी. इसे देखते हुए प्रधानमंत्री केयर फंड एवं अन्य माध्यमों से देश के सभी राज्यों के लगभग जिलों के प्रमुख अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया. इस पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के रख-रखाव एवं संचालन के लिए आईटीआई पास लोगों को 180 घंटे का प्रशिक्षण देकर देशभर में सीबीटी परीक्षा का आयोजन किया गया था. सेकंड कोविड-19 के वेब के दौरान पीएसए ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के लिए पूरे देश के आधार पर परीक्षा में पास लोगों को झारखंड के 132 प्रशिक्षित लोगों को जिले में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट में एवं दैनिक भत्ता के आधार पर बहाल किया जाना था. देवघर, कोडरमा, पश्चिमी सिंहभूम, गढ़वा, पलामू जिले के हुसैनाबाद में कुछ लोगों को रखा गया था. झारखंड के 132 पीएसए प्रशिक्षितों ने स्वास्थ्य विभाग झारखंड के अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री, श्रम नियोजन विभाग के सचिव, सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी मेदनीनगर पलामू को पत्र लिखकर झारखंड में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट के रख-रखाव संचालन के लिए पद सृजन एवं ऑक्सीजन प्लांट के टेक्नीशियन के वेतन के लिए फंड जारी करने एवं नियुक्ति की मांग की.
उल्लेखनीय है कि कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार के पत्रांक संख्या डीजीटी एम/एस 011 /1/2018 डीअआईआर (टीसी) के अनुसार, स्थापित पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के रख-रखाव व संचालन के लिए आईटीआई पास लोगों को 180 घंटे का ओजीटी द्वारा देशभर में सीबीटी परीक्षा का आयोजन किया गया था. ऑपरेशन मेंटेनेंस पीएसए ऑक्सीजन प्लांट में परीक्षा पास लोगों को बहाल करना था. झारखंड के लिए 132 लोगों को प्लांट के रख-रखाव व संचालन के लिए प्रशिक्षित किया गया था. इनमें से कुछ लोगों से झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम, देवघर, गढ़वा, पलामू जिले के हुसैनाबाद एवं कोडरमा में दैनिक मानदेय पर कार्य लिया गया था. उनको भी पद सृजन एवं आवंटन प्राप्त नहीं होने का हवाला देकर हटा दिया गया.
माैखिक हटाया, बकाया भी नहीं दिया
बहुत से लोगों को बकाया राशि का भुगतान भी नहीं किया गया. सभी को मौखिक रूप से हटाया गया है. वहीं पलामू जिले में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के प्रशिक्षित लोगों को न रखकर दूसरे ट्रेड से आईटीआई के अहर्ता रखने वाले को ऑक्सीजन प्लांट का रख-रखाव और संचालन कराया जा रहा है, जो आने वाले समय में कभी भी घातक सिद्ध हो सकता है.
क्या कहते हैं पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के प्रशिक्षित ऑपरेटर
पीएसए ऑक्सीजन प्लांट देवघर के प्रशिक्षित ऑपरेटर गुड्डू यादव का कहना है कि हम लोगों को 180 दिन का प्रशिक्षण दिया गया, जिसका ओजीटी के माध्यम से परीक्षा लिया गया था. हमलोग परीक्षा पास किए. पास होने का प्रमाण पत्र भी मिला है, लेकिन हमलोगों को पीएसए ऑक्सीजन प्लांट में काम की व्यवस्था नहीं की गई, इसलिए हमलोग चाहते हैं कि झारखंड सरकार पद स्वीकृत करते हुए पारिश्रमिक के लिए बजट में प्रावधान करे और हमलोगों को जल्द से जल्द पीएसए प्लांट में कार्य करने की व्यवस्था करें.
पीएसए ऑक्सीजन प्लांट पाकुड़ के ऑपरेटर सूरज कुमार का कहना है कि झारखंड के सभी जिलों में मुख्य अस्पताल में पीएसए प्लांट लगाया गया है. हमलोग प्रशिक्षण प्राप्त हैं और हम लोगों को सरकार पद सृजन एवं वेतन के लिए बजट में प्रावधान करें.
पीएसए ऑक्सीजन प्लांट पलामू के ऑपरेटर सुनील यादव का कहना है कि मुझे पत्र देकर हुसैनाबाद
अनुमंडलीय अस्पताल में योगदान लिया गया. मुझसे ज्यादा कार्य भी लिया और पारिश्रमिक का भुगतान भी नहीं किया गया. मौखिक रूप से हटा दिया गया, इसलिए सरकार से हमारी यह मांग है कि हमलोगों को जल्द से जल्द पारिश्रमिक भुगतान करते हुए पुनः योगदान कराने की व्यवस्था की जाए.
पीएसए ऑक्सीजन प्लांट हुसैनाबाद के ऑपरेटर सोनू पटेल का कहना है कि सरकार हमलोगों के साथ न्याय संगत कार्य नहीं कर रही है. इसलिए हमलोग पीएस ऑक्सीजन प्लांट में योगदान कर कार्य नहीं कर पा रहे हैं. सरकार हमलोगों के लिए पद सृजन के साथ-साथ पारिश्रमिक के लिए बजट में प्रावधान करे.
पीएसए ऑक्सीजन प्लांट चाईबासा के ऑपरेटर सुनील कुमार महतो का कहना है कि कि हमलोग सिविल
सर्जन के पत्र के माध्यम से मनोहरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में योगदान दिये थे. 2022 में 5 माह के लगभग कार्य किया और हमलोगों को श्रम विभाग के द्वारा निर्धारित पारिश्रमिक का भुगतान कर हमलोगों को पत्र के माध्यम से यह बताया गया कि भारत सरकार द्वारा भुगतान हेतु राशि उपलब्ध नहीं कराई गई, जिसके कारण आप लोगों को कार्यमुक्त किया जाता है. सरकार से यह मांग है कि जल्द से जल्द हम लोगों को भी ऐसे ऑक्सीजन प्लांट में कार्य करने के लिए पद सृजन करते हुए पारिश्रमिक के लिए बजट में प्रावधान किया जाए.