Jamshedpur : कायस्थ महासभा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सोनारी के ईस्ट ले आउट स्थित चित्रगुप्त भवन में शनिवार को शुरू हुई. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि कायस्थ समाज खीर में पड़े उस केसर की तरह है जो हल्का सा पड़ने के साथ ही खीर की रंगत बदल देता है. आज जिस कलम की सब पूजा करते हैं, उसकी बुनियाद ही चित्रगुप्त समाज से है. अन्य समाज में हमारी पहचान, हमारी कुशल बुद्धि के तौर पर की जाती है. हमें इसे कभी समाप्त नहीं करना है. इस तरह की बैठकों हमें आगे यह तय करने की जरूरत है कि हमारे समाज का भविष्य किस ओर जाएगा. कार्यक्रम के पहले दिन मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंगी, धनबाद के विधायक राज सिन्हा, उत्तर प्रदेश (बनारस) के एमएलसी आशुतोष सिन्हा, अरुण सिन्हा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओपी श्रीवास्तव, राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नाथ सिंह, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष एके श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे. बैठक के पहले सत्र में शिकागो में स्वामी विवेकानंद द्वारा दिए गए भाषण से संबंधित एक किताब का भी लोकार्पण किया गया.
कायस्थ समाज ने देश निर्माण में भूमिका निभाई: सारंग
सभा को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हमारे समाज को एक अलग पहचान देने वाले कुछ महानुभवी लोगों ने समाज में पुल का निर्माण नहीं किया बल्कि देश निर्माण का काम किया है. स्वामी विवेकानंद, लाल बहादुर शास्त्री, राजेंद्र प्रसाद आदि ने इस देश को बुलंदियों पर ले जाने का काम किया है. इस देश में कई धर्म और समाज के लोग रहते हैं. कायस्थ समाज की पहचान इंसान के मस्तिष्क से की जा सकती है. लेकिन शरीर का कोई अंग किसी के मुकाबले कम नहीं है. इसलिए हमें भी उसी मानव शरीर की भांति काम करना चाहिए. एकता की मिसाल दिए जाने वाले भारत में हर समाज को आगे आकर अपने समाज के लोगों का उत्थान करना चाहिए.
हमारा ध्यान किसी और को जिताने में रहता है: राज सिन्हा
वहीं, सभा में मौजूद धनबाद के विधायक राज सिन्हा ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से समाज में एकता का संदेश बढ़ता है. आज हमारी जनसंख्या भले ही अन्य किसी समाज के मुकाबले कम हो लेकिन हमारी कुशाग्रता करोड़ो पर भारी पड़ रही है. आज झारखंड से कायस्थ समाज से एकलौता विधायक मैं हूं. लेकिन ऐसा नहीं है कि झारखंड की किसी सीट से कायस्थ समाज के व्यक्ति को नहीं जिताया जा सकता. बस हमारा ध्यान हमेशा किसी और को आगे बढ़ाने में रहता है. इसलिए हमें एकत्रित होकर हमारे समाज के उत्थान के लिए आगे आना होगा ताकि हर क्षेत्र में कायस्थ समाज का बोलबाला हो.