Ranchi: 23 जनवरी को नेता जी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती है. नेता जी का झारखंड से खास रिश्ता था और वे कई बार रांची, जमशेदपुर , झरिया और धनबाद भी आए थे. रांची वे कई बार आए थे और यहां के लोगों से मिला करते थे. उन्होंने यहां कई सभाएं भी कीं थीं. नेताजी जब रांची आते थे तो लालपुर चौक में फणींद्रनाथ आयकत के घर पर रूकते थे. इसके अलावा वह सर्कुलर रोड में क्रांतिकारी यदु गोपाल मुखर्जी के यहां भी जाते थे. आयकत परिवार ने आज भी नेता जी से जुड़ी यादों को संजो कर रखा है. जिसमें वो कुर्सी भी मौजूद थी जिस पर वे बैठ कर आराम करते थे.
इसके अलावा रांची के एस एन चटर्जी के परिवार ने वो फिएट 514 डॉरपेटो गाड़ी आज तक संजो कर रखी है. जिसमें बैठकर वे 1940 में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में शामिल लेने रामगढ़ गए थे. इसके लिए वह पहले चक्रधरपुर आए और फिर यहां से सड़क के रास्ते रामगढ़ गए थे. जहां कांग्रेस का 53वां ऐतिहासिक अधिवेशन हुआ था.
ये गाड़ी डॉ पीएन चटर्जी की थी जो उनके सहयोगी थे. 17 मार्च को उनकी गाड़ी से रामगढ़ गए थे. डॉ चटर्जी के पुत्र एसएन चटर्जी बताते हैं कि इस गाड़ी का होना उनके परिवार के लिए गर्व की बात है. उन्होंने बताया कि एक विंटेज कार प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कोलकाता गए थे वहां कई लोग इस गाड़ी के बदले नयी गाड़ी और लाखों रूपए देने को तैयार थे, लेकिन उन्होंने इस गाड़ी को नहीं बेचा.
वहीं एसएन चटर्जी के पुत्र अरूप चटर्जी बताते हैं कि इस गाड़ी की रखरखाव में काफी खर्च है क्योंकि इसके पार्ट्स अब नहीं मिलते है. लेकिन फिर भी वे इस गाड़ी को हमेशा अपने परिवार का हिस्सा बना कर रखेंगे. उन्होंने दिल्ली के इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाने को एक ऐतिहासिक कदम बताया है.
इसके अलावा नेता जी ने रांची के अब्दुल बारी पार्क, लोहरदगा लॉज और मोरहाबादी मैदान में भी सभाएं की थीं. उस समय कई महिलाओँ ने अपने जेवर तक उन्हे दिए थे और जयपाल सिंह मुंडा ने उन्हे लाठी भेंट की थी.