Pravin kumar
Ranchi : राज्य में जमीन का ऑनलाइन रिकॉर्ड सुरक्षित नहीं है. उनमें छेड़छाड़ संभव है. नेशनल इन्फॉरमेटिक्स एजेंसी (एनआईसी) द्वारा संचालित झारभूमि सॉफ्टवेयर का सिक्योरिटी ऑडिट पिछले 10 साल से नहीं किया गया है. इसका लाभ भू-माफिया उठा रहे हैं. अंचलाधिकारियों द्वारा म्यूटेशन रद्द कर देने के बाद भी करेक्शन स्लिप कट जाती है. खातियानी रैयतों के नाम दर्ज जमाबंदी बिना म्यूटेशन के ही दूसरे के नाम पर दर्ज हो जा रही है. हाल के दिनों में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. नामकुम अंचल के उलातू मौजा की 2.29 एकड़ भूमि, जिसका म्यूटेशन अंचल कार्यालय से खारिज हो गया था, कुछ दिन बाद मंजूर हो गया. इसे लेकर नामकुम के सीओ ने स्थानीय थाने में एफआईआर भी दर्ज करायी है. ऐसे मामले कांके, बड़गांई और बुढ़मू अंचल में भी सामने आये हैं.
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एनआईसी की मिलीभगत से इनकार नहीं
राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा झारभूमि सॉफ्टवेयर में सुधार के लिए कई बार एनआईसी को लिखा जा चुका है. इसके बावजूद एनआईसी ने झारभूमि के सॉफ्टवेयर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया. विभागीय सूत्रों के अनुसार, सॉफ्टवेयर में गंभीर कमियां हैं. इसका लाभ जमीन की हेराफेरी करने वाले उठा रहे हैं. जानकार बताते हैं कि एनआईसी में कार्यरत कुछ भ्रष्ट लोगों की मिलीभगत से जमाबंदी कर दी गयी. जबकि इसकी जानकारी अंचल कार्यालय को नहीं थी.
जिसके जिम्मे है डेटा की सुरक्षा, उसका सिक्योरिटी ऑडिट नहीं
झारभूमि सॉफ्टवेयर का सर्विस प्रोवाइडर एनआईसी है. राज्य में भूमि संबंधी ऑनलाइन रिकॉर्ड का प्रबंधन एनआईसी द्वारा किया जाता है. लेकिन पिछले दस साल से इसका सिक्योरिटी ऑडिट नहीं कराया गया है. भूमि के रिकॉर्ड में हेराफेरी के कई मामले सामने आने के बावजूद एनआईसी ने कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया है. इसका नतीजा है कि सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ कर जमीन की हेराफेरी जारी है.
क्या कहते हैं निबंधन महानिरीक्षक
लगातार.डॉट इन संवाददाता द्वारा पूछे जाने पर निबंधन महानिरीक्षक कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि झारभूमि सॉफ्टवेयर का सुरक्षा ऑडिट चल रहा है. अगले 15 दिनों में सर्टिफिकेट मिल जायेगा. वहीं अन्य सॉफ्टवेयर की सुरक्षा ऑडिट भी प्रक्रियाधीन है.
सॉफ्टवेयर सिक्योरिटीज ऑडिट क्या है
आईटी जानकारों के अनुसार, किसी भी सॉफ्टवेयर की सिक्योरिटीज ऑडिट बहुत जरूरी. क्योंकि ऑडिट के माध्यम से यह जानकारी मिलती है कि सॉफ्टवेयर कितना सिक्योर है. साथ ही सुरक्षा के लिए और क्या उपाय किये जाने चाहिए. इसके माध्यम से साइबर अपराध में बचाव,महत्वपूर्ण डेटा हैक से बचाने, मौजूद डाटा का सुरक्षित एंव जिम्मेवारीपूर्वक बदलाव में उपयोगिता सॉफ्टवेयर सिक्योरिटीज ऑडिट बताता है.
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ऐसा ही मामला गिरिडीह सदर अंचल में हुआ है।मौजा कोयमारा,खाता 30 प्लॉट 342 रकवा 96 डी0 खतियानी रैयत की रैयती भूमि जिसमें कई प्लॉटवार रकवा दर्ज है,अंचलकर्मी के मिलीभगत से जाली हुकुमानामा के आधार पर पंजी-2 में नाम दर्ज कर रसीद निर्गत कर दिया गया है,जबकि खतियानी रैयत उक्त प्लाट का रसीद विगत 70/80 वर्षो से लगातार 2021 तक ऑनलाइन रसीद भी कटाते आ रहा है एवं दखलकार है जिसमें कई प्लॉट निबंधित केवल के माध्यम से बिक्री किया है जिसमें दाखिल-खारिज कराकर ख़रीददार लोग दखलकार है शेष भूमि पर ख़ातियानी रैयत के वंसज दखलकार है,फिर जाली हुकुमानामा के आधार पर मात्र एक प्लॉट को कैसे पंजी 2 में दर्ज कर रसीद निर्गत किआ गया।जिसकी लिकित शिकायत फरवरी 2021 में गिरिडीह उपायुक्त से की गईं, लेकिन संलिप्त भू-माफिया एवं अंचलकर्मी पर अभी तक कोई कार्यवाई नहीं कि गई और न ही गलत तरीके से पंजी2 में दर्ज नाम को हटाया गया है।जिसकी न्यायिक जाँच कर दोषियों पर कानूनी कार्यवाई होनी चाहिए।