पूरे दिन वेल में ही रहा विपक्ष, नारेबाजी-हंगामा किया और वेल में धरने पर बैठे विधायक
Ranchi : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन भी हंगामे में बीत गया. बुधवार को सदन में विधायकों के 78 सवाल आये थे. इनमें 19 अल्पसूचित और 59 तारांकित प्रश्न थे, लेकिन भाजपा के हंगामे के कारण इनमें से एक भी सवाल सदन में नहीं उठ सका. स्पीकर ने सदन में प्रश्नकाल लेने की कोशिश की, लेकिन हंगामे के कारण पहली पाली में उन्हें दो बार सदन स्थगित करना पड़ा. 11.06 में सदन की कार्यवाही शुरू हुई. स्पीकर ने अल्पसूचित प्रश्नों पर चर्चा कराने की कोशिश की, लेकिन उससे पहले ही विधायक सूचना देने के लिए खड़े होने लगे. पहले नीरा यादव ने कोडरमा विधानसभा में जंगली हाथियों और नीलगायों के आतंक का मुद्दा उठाया. उसके बाद ढुल्लू महतो ने बाघमारा विधानसभा क्षेत्र के दो मजदूरों की मुंबई में मौत का मामला उठाया. इसी बीच प्रदीप यादव ने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा रोक रही है. मथुरा महतो ने एमपी पेशाब कांड पर सदन में निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की. इसी बीच झामुमो विधायक सुदिव्य सोनू ने सदन में कहा कि ढुल्लू महतो के इलाके में जो रहा है, उसके जिम्मेवार वे खुद हैं. फिर भाजपा के विधायक वेल में पहुंच गये. ढुल्लू और सुदिव्य में नोकझोंक होने लगी और स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी.
सदन में ढुल्लू-सुदिव्य में तीखी नोकझोंक, उंगली दिखाने पर एतराज
विधायक ढुल्लू महतो और सुदिव्य सोनू में सदन के अंदर तीखी नोकझोंक हुई. सदन के अंदर स्थिति ऐसी पैदा हो गई कि लगा कि दोनों विधायक दो-दो हाथ करने को तैयार हैं. दरअसल ढुल्लू महतो ने सदन में सुदिव्य सोनू का नाम लेकर कहा कि उनके क्षेत्र में लोग कोयले में दबकर मर रहे हैं. इस पर सुदिव्य ने कहा कि ढुल्लू अपने क्षेत्र की चिंता करें. वे जिस व्यक्ति की बात कर रहे हैं, उसकी मौत मुंबई में हुई है और सरकार शव लाने की व्यवस्था कर रही है. इसके बाद दोनों में नोकझोंक शुरू हुई और दोनों वेल में पहुंच गये. रिपोर्टिंग टेबल के एक तरफ ढुल्लू और दूसरी तरफ सुदिव्य थे. इस दौरान ढुल्लू ने आवेश में आकर सुदिव्य को उंगली दिखाना शुरू कर दिया. संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने आपत्ति जताते हुए स्पीकर से आग्रह किया कि उंगली दिखाना बंद करवायें. स्पीकर ने कहा कि यह असंसदीय व्यवहार है. इसके बाद भी हंगामा जारी रहा. तब स्पीकर को 20 मिनट के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा.
हंगामे के कारण दो मिनट भी नहीं चला सदन
11.36 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक वेल में आ गए और हंगामा शुरू कर दिया. 2 मिनट भी सदन नहीं चल सका. स्पीकर विधायकों से आसन पर जाने का आग्रह करते रहे, लेकिन विधायक नहीं माने. स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
23 विधायकों ने शून्यकाल की सूचनाएं पढ़ी
12.33 बजे फिर सदन की कार्यवाही शुरू हुई. विपक्ष ने वेल में पहुंचकर फिर हंगामा शुरू कर दिया. स्पीकर ने हंगामे के बीच ही शून्यकाल की सूचनाएं ली. 23 विधायकों ने सदन में शून्यकाल की सूचनाएं पढ़ी. 12.52 बजे भाजपा के विधायक वेल में ही धरने पर बैठ गये. इस दौरान लंबोदर महतो, जेपी पटेल और अनंत ओझा ने कार्यस्थगन की सूचना दी, जिन्हें अमान्य कर दिया गया. फिर विधायक अंबा प्रसाद ने ध्यानाकर्षण में विस्थापन का सवाल लाया. विस्थापन आयोग का गठन करने की मांग की. इस पर मंत्री जोबा मांझी की ओर से जवाब दिया गया.
लोबिन ने जानमाल के खतरे का मामला उठाया, मांगी सुरक्षा
झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने सदन में अपनी जान के खतरे का मामला उठाया. कहा कि वह शुरू से जल जंगल, जमीन की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्हें ऐसा लग रहा है कि उनकी जान पर खतरा है. उनके पास दो गार्ड थे, उन्हें भी वापस बुला लिया गया है. इसे लेकर उन्होंने डीजीपी और केंद्र को लिखा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. लोबिन ने कहा कि यहां स्थिति यह है कि लोगों को घर में घुसकर गोली मार दी जा रही है. इसलिए आग्रह है कि 15 दिनों में सुरक्षा दी जाए. अगर 15 दिन में सुरक्षा नहीं मिली तो केंद्र के पास जाने को मजबूर होंगे. इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
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