Ranchi : झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ ने राज्य सरकार से अप्रैल माह में शराब के उठाव के आधार पर ही उत्पाद शुल्क की वसूली की मांग की है. इसके लिए संघ ने उत्पाद आयुक्त को पत्र लिख शराब की आपूर्ति नहीं होने पर परेशानियों का जिक्र किया है. संघ के सचिव सुबोध कुमार जयसवाल ने बताया है कि विगत दिनों सरकार की नयी उत्पाद नीति में राज्य में शराब बेचने का विशेषाधिकार झारखंड राज्य बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड को दिया गया है. राज्य में बियर और देसी-विदेशी शराब बेचने वालों को प्रपत्र 19C, 19E एवं 19 में दिये गये लाइसेंस को रद्द करने की बात है. विक्रेताओं को वित्तीय वर्ष 2022-23 में एक माह (30 अप्रैल तक) का विस्तार दिया गया है.
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मांग के अनुसार शराब की आपूर्ति नहीं हो पा रही
दूसरी और खुदरा शराब दुकानदारों को मांग के अनुरूप न तो पॉपुलर ब्रांड के बियर और विदेशी- देसी शराब की आपूर्ति की जा रही है और न थोक विक्रेताओं के पास लोकप्रिय ब्रांड की बियर और विदेशी- देसी शराब उपलब्ध है. इसके कारण थोक विक्रेताओं द्वारा खुदरा लाइसेंसधारियों को उनके द्वारा की जा रही मांग के अनुसार शराब की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.
उत्पाद कर एवं दंड के भुगतान का दायित्व नहीं ठहराया जा सकता
उन्होंने कहा है कि एक माह की अवधि विस्तार के बाद भी 18 अप्रैल तक उत्पाद विभाग अपने सभी गोदामों में पर्याप्त मात्रा में विदेशी- देसी शराब एवं बियर उपलब्ध कराने में असफल रही है. खुदरा अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा संबंधित जिले के सहायक आयुक्त – उत्पाद अधीक्षक के कार्यालय में ब्रांडों की बियर और विदेशी – देसी शराब के लिए अधियाचना भेजी गयी है. यदि मांग अनुरूप आपूर्ति नहीं होती है, तो खुदरा लाइसेंसधरियों को उनके द्वारा नहीं उठायी गयी शराब की मात्रा पर उत्पाद कर एवं दंड के भुगतान का दायित्व नहीं ठहराया जा सकता.
4-5 दिनों में पूरे माह का कोटा बेच पाना संभव नहीं
पत्र में इस बात का जिक्र है कि अब माह के बचे हुए दिनों में विदेशी- देसी शराब एवं बियर उपलब्ध करा भी दिया जाता है, तो 4-5 दिनों में पूरे माह का कोटा बेच पाना संभव नहीं है. ऐसी स्थिति में संघ की मांग है कि अप्रैल माह में शराब के उठाव के आधार पर ही राजस्व लिया जाए.
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