Godda : प्रवासी सहित असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने झारखंड के एक करोड़ आठ लाख श्रमिकों को पंजीकृत करने का लक्ष्य दिया है. इसके अनुरूप राज्य सरकार ने सभी जिलों को अलग- अलग लक्ष्य दिया है. गोड्डा जिला को चार लाख 29 हजार 840 असंगठित मजदूरों को ई श्रम पोर्टल में पंजीकृत कर उसे श्रम कार्ड मुहैया कराने का लक्ष्य दिया गया है. अब तक तीन लाख 44 हजार से अधिक मजदूरों का निबंधन कराने में श्रम विभाग सफल रहा है. यह लक्ष्य के करीब 80 फीसदी है. सूबे के चार जिलो में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया है. इसमें गढ़वा अव्वल है. इसके बाद चतरा, देवघर और पलामू जिला ने भी शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है. गोड्डा जिला अभी 14वें स्थान पर है. यहां भी शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए लगातार पंचायत स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है. इसमें श्रम मित्रों की भी सेवा ली जा रही है. राज्य सरकार के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग की ओर से पंजीकृत मजदूरों के लिए 14 तरह की कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पंजीकृत मजदूरों को दिया जाना है.
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पंजीकृत मजदूरों को मिलेगा योजनाओं का लाभ
झारखंड असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 18 से 59 वर्ष के मजदूरों को दुर्घटना सहायता योजना के तहत आश्रितों को 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक सहायता अनुदान दिया जाएगा. 15 से 25 हजार रुपये अंत्येष्टि के लिए सहायता दी जाएगी. मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत मजदूरों के बच्चों को पहली कक्षा से लेकर उच्च शिक्षा सहित इंजीनियरिग व मेडिकल की पढ़ाई के लिए 250 रुपये से 8 हजार रुपये तक सालाना छात्रवृत्ति दी जाएगी. कौशल उन्नयन के लिए मजदूरों के बच्चों को विशेष प्रशिक्षण का भी प्रावधान है. वहीं निबंधित महिला कामगारों को प्रथम दो प्रसव के लिए 15 हजार प्रति प्रसव चिकित्सा सहायता दी जाएगी. यही नहीं सेफ्टी किट, श्रम औचार सहायता, साइकिल वितरण, मजदूरों की दो बेटियों के विवाह में प्रति लाभुक 30 हजार रुपये की सहायता राशि सहित नि:शक्तता पेंशन, 60 साल के बाद प्रति माह एक हजार सामाजिक पेंशन की व्यवस्था सरकार ने पंजीकृत मजदूरों के लिए की है.
11 प्रवासी मजदूरों की मौत पर मिला मुआवजा
इस वर्ष श्रम विभाग की ओर से जिले के ऐसे 11 परिवारों को एक लाख से डेढ़ लाख रुपये तक मुआवजा दिया गया. जिनके घर के कमाऊ सदस्य दूसरे शहरों में किसी हादसे के शिकार होकर मारे गये. घटना की प्राथमिकी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट इसके लिए जरूरी है.
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लोग श्रम विभाग से अपना पंजीयन जरूर कराएं
श्रम अधीक्षक गोड्डा संजय आनंद ने कहा कि बेहतर रोजगार मिलने पर लोग दूसरे शहरों में तो जाएंगे ही. इसे रोका नहीं जा सकता. सरकार का प्रयास है कि राज्य से बाहर रोजगार की तलाश में जाने वाले सभी लोग श्रम विभाग से अपना पंजीयन जरूर कराएं, ताकि उनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए डाटा उपलब्ध रहे. पंजीकृत मजदूरों के ई श्रम कार्ड में मोबाइल और आधार नंबर से ही उनका पूर्ण विवरण आनलाइन में उपलब्ध है. इससे योजनाओं का लाभ दिलाने में सहूलियत होगी. ई श्रम कार्ड में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने को विभाग प्रतिबद्ध है.
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