Ranchi: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को एनएफडीबी की बैठक हुई. इसमें विभिन्न राज्यो के संबंधित विभाग के मंत्रियों ने भाग लिया. बैठक में झारखंड का प्रतिनिधित्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किया. कृषि मंत्री बादल ने कहा कि देश की जीडीपी में किसानों का अहम योगदान है. केंद्र सरकार को चाहिए कि कृषि विकास के लिए राशि का आवंटन समानुपातिक तरीके से करे.
4 वर्षों में मत्स्य एक्सपोर्ट में गिरावट हुई
बादल ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जीडीपी मत्स्य क्षेत्र में 1.07 फीसदी है. ऐसे में केंद्रीय आवंटन विभिन्न राज्यों को समानुपातिक तरीके से किया जाए तो जीडीपी में योगदान को बढ़ाया जा सकता है. नीति आयोग का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 4 वर्षों में मत्स्य एक्सपोर्ट में 19 फीसदी की गिरावट हुई है. इसे बढ़ाने की आवश्यकता है.
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कहा कि झारखंड में कुल 1741 कोलपिट्स और पत्थर माइंस है. जहां 9880 हेक्टेयर क्षेत्र में पानी का संचयन है. इन क्षेत्रों में मछली उत्पादन को बढ़ाने का काम हमारी सरकार कर रही है. केंद्रीय स्तर पर इन कोल क्षेत्रों में मत्स्य उत्पादन के लिए स्कीम बनाई जाए. जहां राज्य को एजेंसी के रूप में उपयोग किया जाए. कहा कि 10 जुलाई को राष्ट्रीय फिशरीज डे व्यापक स्तर पर केंद्र और विभिन्न राज्यों को मनाने की जरूरत है.
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जोन वाइज बैठक की जाए
कृषि मंत्री बादल ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से कहा कि जोन वाइज बैठक की जाए और केंद्रीय मंत्री की अध्यक्षता में हर 3 महीने या 6 महीने में बैठक सुनिश्चित हो. इससे केंद्र और राज्य के बीच समन्वय स्थापित होगा. हैदराबाद में फिशरमैन के लिए ट्रेनिंग कैंप लगाकर सभी राज्यों के मत्स्य पालको को वहां प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि वे अपने-अपने राज्य में मत्स्य उत्पादन को बढ़ाने में योगदान दें सके.
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