Ranchi: कोविड-19 संकट के समय हम अधिक शहद का उपभोग कर रहे हैं ताकि महामारी से लड़ सकें. लेकिन मिलावट वाला शहद हमें बेहतर नहीं बना रहा है. वास्तव में यह हमें और खतरे में डाल रहा है. वहीं दूसरी तरफ हमें और अधिक चिंतित होना चाहिए. क्योंकि मधुमक्खियों को खोकर हम अपनी खाद्य प्रणाली को खत्म कर देंगे.
यह मधुमक्खियां परागण के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. यदि शहद में मिलावट होगी तो हम अपनी सेहत साथ-साथ कृषि की उत्पादकता भी खो देंगे.
आदिवासियों द्वारा किया जा रहा शहद उत्पादन
वहीं झारखंड सरकार जल्द ही देसी उत्पाद को ब्रांड का नाम देकर बाजार में लॉन्च करेगी. आदिवासियों द्वारा उत्पादित शहद को अब सरकार मार्केट में बेचेगी. इससे शहद को बाजार मिलेगा और इसका लाभ शहद उत्पादकों को भी मिलेगा. कल्याण विभाग की ओर से संचालित झारखंड ट्राइबल डेंवलपमेंट सोसाइटी ने जनजातीय इलाकों में उत्पादित हो रही वाली देसी मधु को ‘बाहा हनी’ ब्रांड का नाम देकर बाजार में उतारेंगे.
झारखंड ट्राइबल डेवलपमेंट सोसाइटी की ओर से साल 2019 के मई माह में ‘मीठी क्रांति’ के तहत 500 जनजाति परिवारों के साथ मधु पालन शुरू किया गया था. साल 2020 में उत्पादन करना शुरू किया गया. यह कार्य प्रारंभिक चरण में रांची, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, पाकुड़, दुमका और दूसरे चरण में गुमला में शुरू किया गया है.
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प्रति वर्ष 150 मिट्रीक टन मधु उत्पादन का लक्ष्य
750 परिवारों को इस योजना के तहत जोड़ा गया. ये वैसे परिवार हैं जिनके पास आय के वैकल्पिक साधन नहीं थे. उन्हें राम किशन मिशन की ओर से 15 दिनों का प्रशिक्षण दिया गया. इस योजना के तहत प्रति वर्ष 150 मैट्रिक टन मधु उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. किसान उत्पादक समूह की ओर से जनजातीय समुदायों को मार्केट से जोड़ने के लिए कंपनी स्थापित की जायेगी.
‘बाहा हनी’ के नाम से बनाई जायेगी कंपनी
जेटीडीएस के निर्देशक भीष्म कुमार ने बताया कि जल्द ही ‘बाहा हनी’ के नाम से मधु ब्रांड बाजार में उतारेंगे. जनजातीय उत्पादों को बाजार देने के लिए किसान उत्पादक समूह द्वारा कंपनी में स्थापित होगी. बाजार मिलने से उन आदिवासी परिवारों के द्वारा उत्पादित शहद की बिक्री बढ़ेगी. इससे वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगे.
किसानों की बढ़ेगी आमदनी
जेटीडीएस के उपनिर्देशक आशिष आनंद ने बताया कि इसका उद्देश्य किसान के आमदनी को बढ़ाना भी है. इस योजना में खासकर युवाओं को शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत लातेहार के युवाओं की आमदनी काफी बेहतर हुई हैं.
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