Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि श्रमिक आजीवन मजदूर नहीं रहेंगे. झारखंड को श्रमिक प्रधान राज्य के रूप में पहचान मिली है, इससे बाहर निकलना होगा. वर्तमान समय में जरूरतें बदल चुकीं हैं. इन जरूरतों के अनुसार नई पीढ़ी को प्रशिक्षित करना होगा. उन्हें प्रोत्साहित करने और अवसर देने की जरूरत है. आने वाले दिनों में यह नई पीढ़ी राज्य का सशक्त आधार बन कर उभरेंगे. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे. बैठक में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
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श्रमिकों का निबंधन जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक सरकार की जानकारी में हैं. इससे अधिक भी हो सकते हैं. सभी श्रमिकों का निबंधन कराएं. इनके कल्याण के लिए विभाग कार्य योजना तैयार करें. अंतरराज्यीय पलायन की स्थिति और श्रमिकों की संख्या का जुटान करें. ऐसे श्रमिकों के लिए टोलफ्री नंबर जारी करें, जिससे वे अपनी परेशानी साझा कर सकें. सरकार उनकी परेशानियों को दूर करने का प्रयास करेगी.
बाजार की मांग के अनुरूप दें प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटीआई में सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले बच्चों को बाजार की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण देना उचित होगा. बाजार में सर्वे कराएं. अगले पांच वर्ष में बाजार की मांग क्या होगी, उस मांग के अनुसार प्रशिक्षण दें. ताकि वे रोजगार व स्वरोजगार प्राप्त कर सकें. विभाग राज्य में संचालित उद्योगों से वार्ता कर प्रशिक्षित बच्चों के समायोजन की दिशा में कार्य करे. वेल्डर, मोटर मैकेनिक, इलेक्ट्रिशियन, ट्रांसफर्मर रिपेयरिंग, पलम्बरिंग समेत अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण बच्चों को दें. आधुनिक तकनीक से बच्चों का प्रशिक्षण सुनिश्चित हो.
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श्रमिकों की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग द्वारा भी अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाती है. विधायकगण के लिए वर्कशॉप का आयोजन कर श्रमिकों की लाभकारी योजना की जानकारी दें, जिससे जनप्रतिनिधि क्षेत्र के श्रमिकों को लाभान्वित कर सकें.
रिक्त पदों को भरने का निर्देश
मुख्यमंत्री को बैठक में रिक्त पदों के बारे में जानकारी दी गयी थी. हेमंत सोरेन ने रिक्त पदों को भरने की दिशा में ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया. उन्होंनें योजनाओं के कार्यान्वयन की अद्यतन स्थिति, असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना, अंत्येष्टि सहायता योजना, चिकित्सा सहायता योजना, असंगठित कर्मकार के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना, असंगठित कर्मकार बीमा योजना, अंतरराज्यीय प्रवासी मजदूरों का सर्वेक्षण एवं पुनर्वास योजना, मॉडल आईटीआई, युवाओं के लिए कौशल विकास योजना, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना, भारत सरकार से प्राप्त राशि तथा उसके व्यय की अद्यतन स्थिति, रिक्त पदों को भरने की कार्य योजना, कौशल विकास केंद्रों की स्थिति, समेत विभाग की अन्य गतिविधियों की जानकारी ली.
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