Ranchi: रांची में भूगर्भ जल का स्तर नीचे जाने पर झारखंड हाईकोर्ट ने गंभीर चिंता जताते हुए इस पर तेजी से काम करने का निर्देश सरकार को दिया है. सोमवार को स्वत: संज्ञान लिए गए मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने जल संसाधन विभाग, नगर विकास विभाग सहित संबंधित विभाग, केंद्रीय भूजल बोर्ड और मामले के न्याय मित्र को एक संयुक्त रिपोर्ट के साथ सुझाव 22 अप्रैल तक पेश करने का निर्देश दिया है. साथ ही तालाबों और डैमों से जलकुंभी हटाने को भी कहा है. रांची नगर निगम की ओर से बताया गया कि नगर निगम ने भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए नियम बनाये हैं. 300 स्क्वायर मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल के भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग लगाना जरूरी है. भवनों या अपार्टमेंट में वाटर हार्वेस्टिंग किया गया है या नहीं इसका सर्वे भी नगर निगम की ओर से किया जाता है. इसका पालन नहीं करनेवाले भवन मालिकों एवं अपार्टमेंट के निवासियों से डेढ़ गुना अतिरिक्त होल्डिंग टैक्स वसूला जा रहा है. सरकार की ओर से बताया गया कि जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग किया जा रहा है. कैचमेंट एरिया को बढ़ाया जा रहा है.उन्होंने बताया कि छह इंच की डीप बोरिंग के लिए उपायुक्त से अनुमति लेनी पड़ रही है. उपायुक्त की अनुमति के बाद ही डीप बोरिंग की इजाजत दी जा रही है. आम लोगों को चार इंच की बोरिंग कराने की ही अनुमति है.
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