आयुक्त कार्यालय ने सीओ से तीन दिन में इन प्वाइंट्स पर मांगी रिपोर्ट
- भुईंहरी जमीन पर किनका दखल-कब्जा है ?
- भूखंड खाली है या उसपर किसने निर्माण कराया है, निर्माण का वर्ष क्या है?
- भुईंहरी भूमि की प्रकृति कैसे बदली और इसमें सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता कैसे हुई ?
- सीओ ने अपनी रिपोर्ट ने कहा- म्यूटेशन वाद से संबंधित दस्तावेज कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं.
Pravin Kumar
Ranchi: बड़गाईं सीओ की रिपोर्ट में जिस भूखंड पर पल्स अस्पताल खड़ा है, उसका कोई जिक्र नहीं है. यह जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा का अस्पताल है. रिपोर्ट में इस भूखंड का जिक्र नहीं होना पूजा सिंघल के रसूख के जादू को दर्शाता है. छोटानागपुर प्रमंडल आयुक्त कार्यालय की ओर से 11 मई को रांची के बड़गाईं अंचल के मौजा मोरहाबादी, थाना नं-192 के खाता सं-160, 161 एवं 162 से संबधित रिपोर्ट तलब किया गया था. बड़गाईं अंचल कार्यालय की ओर से आधी-अधूरी रिपोर्ट देने पर आयुक्त कार्यालय ने ऐतराज जताया है. बड़गाईं सीओ द्वारा 25 मई को आयुक्त कार्यालय को भेजेी गई रिपोर्ट में सिर्फ लॉविस्टा अपार्टमेंट का विस्तृत ब्योरा भेजा गया है. वहीं उसी खाता की भूखंड पर अन्य बहुमंजिला इमारतों के संबंध में जिक्र नहीं किया गया है. पल्स अस्पताल सहित कई बहुमंजिला भवनों को छोड़ दिया गया है. रांची की लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें…
एक ओर आयुक्त कार्यालय की ओर से मोरहाबादी मौजा के भुईंहरी जमीन की जांच तेज कर दी गई है, वहीं दूसरी ओर उक्त भुईंहरी जमीन को अवैध रुप से खरीद बिक्री करने वाले कब्जाधारी, रसूखदार लोग, जमीन पर कब्जा कायम रखने में जुट गये हैं. अंचल की रिपोर्ट फौरी तौर पर सक्ष्यों को छुपाने जैसा माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, इन भूखंडों पर करोड़ों की लागत से बने बहुमंजिला इमारत को बचाने के लिए राज्य का एक प्रभावशाली खेमा सक्रिय हो गया है. सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि 2 साल पहले पल्स अस्पताल की भूमि की जांच होने के बाद इस पर कोई कार्रवाही नहीं हुई, उसी तरह इस मामले को दबाने के लिए मदद देने वाला समूह काम करने लगा है. उन्ही के भरोसे उक्त भूखंड पर बड़े बहुमंजिले इमारत को बनाने वाले अस्वस्थ हो गये हैं. सीओ की रिपोर्ट में भी मोरहाबादी मौजा की भुईंहरी जमीन के खतियानों के पन्ने फटे होने की बात कही जा रही है.
पूर्व में इस शीर्षक से छपी है खबर-
लगान रसीद नहीं, जमीन भी भुईंहरी, फिर भी निगम ने कर दिया बहुमंजिला इमारत का नक्शा पास
इंद्रदेव लाल के आवेदन पर जांच
कमिश्नर ऑफिस ने (पत्रांक 10-14/1529, 30 मई 2022) सोशल एक्टिविस्ट इंद्रदेव लाल से प्राप्त आवेदन के बाद भूखंड को लेकर बड़गाईं सीओ को जांच प्रतिवेदन देने को कहा था. इसी क्रम में पूरक सूचनाएं उपलब्ध कराने का आदेश बड़गाईं सीओ को दिया है. आयुक्त कार्यालय ने बड़गाई अंचल कार्यालय के जवाब के मद्देनजर (पत्रांक 465 (ii) 25 मई 2022) फिर तीन बिंदुओं पर जवाब मांगा है. सीओ के प्रतिवेदन की कुल पृष्ठ संख्या 19 है. कमिश्नर ने अंचल कार्यालय को तीन दिनों के अंदर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा है.
क्या है सीओ की रिपोर्ट में
बड़गाईं अंचल कार्यालय की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में भूखंड पर संरचनाओं का जिक्र नहीं किया गया है. इस प्रतिवेदन से यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि दाखिल-खारिज वाद सं-1185/2017-18 एवं 1079/2017-18 को अस्वीकृत तो कर दिया गया है, परंतु उक्त वाद में निहित भूखंड पर अभी किसका दखल-कब्जा है या उसपर किसी प्रकार का निर्माण किया गया है यह स्पष्ट नहीं है. इसलिए कमिश्नर कार्यालय ने बड़गाईं सीओ को स्थल निरीक्षण कराकर फोटोग्राफ के साथ पुन: रिपोर्ट की मांग की है. जिसमें दोनों म्यूटेशन वाद का ब्यौरा ,भूखंड पर किनका दखल-कब्जा है? भूखंड खाली है अथवा उसपर किसी प्रकार का निर्माण हुआ है एवं निर्माण का वर्ष क्या है ?
इसे भी पढ़ें-रिम्स के पुराने इमरजेंसी में जगह का अभाव : निर्देश के 6 माह गुजरे, आखिर कब शुरू होगा ट्रॉमा सेंटर?
भुईंहरी जमीन की प्रकृति में बदलाव कैसे हुआ? बताएं सीओ
बड़गाईं अंचल कार्यालय की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में मोरहाबादी मौजा के खाता सं-160, 161 एवं 162 के ऑनलाइन खतियान की प्रति संलग्न कर भेजी गयी है, जो किस्म बकास्त भुईंहरी है. इनके विभिन्न प्लॉटों एवं रकबा का विवरण तो है, परंतु इन भूखंडों पर वर्तमान में दखल-कब्जा, इनके खाली रहने अथवा इसपर हुए निर्माण की सूचना उपलब्ध नहीं हैं. अत: खाता सं- 160, 161 एवं 162 के विभिन्न प्लॉटों पर वर्तमान दखल-कब्जा किनका है, यह बताने की कृपा की जाए.
साथ ही मोरहाबादी मौजा के सभी बकास्त भुईंहरी, खाता एवं प्लॉट संख्या में निहित भूमि के खाली रहने अथवा उसपर हुए निर्माण की सूचना उपलब्ध करायी जाए, ताकि इसके आगे की जांच करायी जा सके. आयुक्त कार्यालय की ओर से कहा गया है कि बकास्त भुईंहरी जमीन की प्रकृति में बदलाव कैसे हुआ एवं इस कार्य में सरकार तंत्र की संलिप्तता है अथवा नहीं? और तीसरा, श्री लाल के परिवाद पत्र में जिन 5 जमाबंदीदारों के नाम अंकित हैं, उनके खाता, खेसरा, रकबा एवं किस्म जमीन का उल्लेख आपके प्रतिवेदन में नहीं है. इनका भी उल्लेख अपने प्रतिवेदन में करें.
लॉविस्टा अपार्टमेंट को लेकर सीओ की रिपोर्ट में क्या कहा गया
बड़गाईं अंचल कार्यालय द्वारा आयुक्त कार्यालय में 25 मई 2022 को भेजे गए जवाब से कमिश्नर संतुष्ट नहीं हुए हैं. इसलिए पुन: बड़गाई सीओ तीन दिन के भीतर रिपोर्ट भेजे गया है. बता दें कि पूर्व में भेजे गए पत्र में भुईंहरी जमीन पर निर्मित लॉविस्टा अपार्टमेंट की फोटोग्राफी भेजी गई है, जबकि भुईंहरी जमीन पर ही निर्मित पल्स अस्पताल के बारे में सीओ ने उल्लेख नहीं किया है. सीओ के जांच प्रतिवेदन में दाखिल-खारिज वाद सं-1185/17-18, आवेदक राजकुमार जैन, पिता-हरकचंद जैन से संबंधित है, जो मौजा मोराबादी, खाता सं-157, प्लॉट नं-1164, रकबा 16 डिसमिल में गैरमजरुआ आम दर्जा जमीन रास्ता होने के कारण अस्वीकृत किया गया है.
इसके अलावा दाखिल-खारिज वाद सं-1079/17-18 आवेदक पूजा पोद्दार पति मिलन पोद्दार के नाम दर्ज है, जो मौजा-मोरहाबादी. थाना संख्या-192, खाता संख्या-161,प्लॉट संख्या-1138, रकबा-1.3 डिसमिल एवं खाता संख्या-162, प्लॉट संख्या-1137, रकबा-1.3 डिसमिल से संबंधित है. मौजा मोरहाबादी, खाता संख्या-161, प्लॉट संख्या-1138, एवं खाता संख्या-162, प्लॉट संख्या-1137,आरएस खतियान में बकास्त भुईंहरी दर्ज है. उक्त दोनों प्लॉट के अंश (लगभग 30 डिसमिल) पर लॉविस्टा अपार्टमेंट निर्मित है. जिसे मिलन पोद्दार ग्रुप के द्वारा बनवाया गया है. नामांतरण वाद सं-1079/2017-18 इसी अपार्टमेंट से संबंधित है.
इसे भी पढ़ें-अप्रैल के मुकाबले मई में GST कलेक्शन की रफ्तार थमी, मिले 1.41 लाख करोड़, अप्रैल में हासिल हुए थे 1.68 लाख करोड़
पंजी-II में निम्नलिखित विवरण दर्ज
रैयत अशोक कुमार जैन, दाखिल-खारिज वाद संख्या-4आर-27/71-72, वोल्यूम नं-III- पृष्ठ सं-239, 2 अनिल कुमार जैन, 3 आर-27/71-72, वोल्यूम नं-III- पृष्ठ सं-231, 3. विजय कुमार जैन,1171आर-27/89-84, वोल्यूम नं-IX-36, रमेश कुमार जैन, 7आर-27/71-72, वोल्यूम नं-III-233 एवं वरुण बक्सी, 194आर-27/66-67, वोल्यूम नं-III-145 है. बड़गाईं सीओ ने प्रतिवेदन के अंत में कहा है कि बड़गाई अंचल कार्यालय की स्थापना 1 जनवरी 2016 को हुई है. अत: संबंधित अभिलेख कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं. उक्त अभिलेख की मांग जिला अभिलेखागार, रांची से इस कार्यालय के पत्रांक-464 (ii)/25मई 2022 द्वारा मांग की गई है. इस भूमि के ऑफलाइन खतियान उपलब्ध नहीं है.