Khunti : खूंटी जिले में रामनवमी की मंगलवारी शोभायात्रा के दौरान हुए पथराव के बाद केंद्रीय रामनवमी महासमिति की आपात बैठक गुरुवार देर शाम आयोजित की गयी. बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि प्रशासनिक कार्रवाई के विरोध में इस वर्ष श्री रामनवमी महोत्सव के कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा. यह जानकारी बैठक के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महासमिति के महामंत्री जितेंद्र कश्यप ने दी. उन्होंने बताया कि मंगलवार रात और बुधवार सुबह शहर में हुई अप्रिय घटना के बाद गुरुवार नगर भवन में उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक में केंद्रीय रामनवमी महासमिति और अंजुमन इस्लामिया की ओर से घटना पर खेद व्यक्त किया गया. साथ ही भविष्य में ऐसी अप्रिय घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने का आश्वासन देकर आपसी मेल मिलाप कर लिया गया और पर्व को सौहार्दपूर्ण वातावरण में धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया.
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लेकिन बैठक के बाद समिति के सदस्यों को यह जानकारी मिली कि उक्त अप्रिय घटना को लेकर रामनवमी महासमिति के पदाधिकारियों सहित 55 लोगों और अज्ञात 500 लोगों के विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. महामंत्री कश्यप ने बताया कि प्रशासन के इस दोहरे रवैए के विरोध में खूंटी के चार दिवसीय श्री राम नवमी महोत्सव के सभी आयोजनों को आकस्मिक बैठक आयोजित कर रद्द करने का फैसला लिया गया. इस दौरान न तो नवमी की शोभायात्रा निकाली जाएगी, न ही दशमी को लगने वाले मेला का आयोजन और अस्त्र-शस्त्र चालन प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी. इससे पूर्व सप्तमी को गढ़टाड में होने वाली प्रतियोगिता को भी स्थगित कर दिया गया है.
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समिति के सदस्य नवमी के दिन झंडा पूजन के बाद विरोध स्वरूप काला बिल्ला लगाकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे. महामंत्री ने कहा कि कोरोना को लेकर दो वर्ष बाद हो रहे त्योहार को लेकर लोगों में अपूर्व उत्साह और उल्लास का वातावरण था, इसके लिए सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गयी थी. शांति समिति की बैठक में मामले में सुलह हो जाने के बाद इस प्रकार प्रशासनिक कार्रवाई से लोग नाराज हैं और भारी मन से सभी आयोजनों को रद्द करने का निर्णय लिया गया है. महामंत्री ने कहा कि त्योहार के बाद जहां नामजद आरोपियों को परेशानी होगी, वहीं दूसरी ओर अज्ञात लोगों के नाम पर बहुत सारे शहरवासी प्रताड़ित हो सकते हैं. उल्लेखनीय है कि खूंटी के रामनवमी महोत्सव का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है. आजादी के पूर्व से लगातार यह त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता रहा है. शायद पहली बार श्री रामनवमी महोत्सव को स्थगित करने का निर्णय हुआ है.