Ranchi : सोशल मीडिया लोगों से जुड़ने और खबर को जानने का आसान तरीका बन गया है, लेकिन सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों के वजह से हाल में कई हिंसक घटनाएं हुई है. पिछले साल अगस्त महीने में हजारीबाग जिले के कटकमदाग थाना क्षेत्र के खपरियावां-बनहा में मंदिर के पास प्रतिबंधित मांस की सूचना पर दो समुदाय आपस में भीड़ गये. दोनों पक्षों में झड़प के बाद जमकर पथराव हुआ. भीड़ ने एक बाइक फूंक डाली. आठ वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था. सोशल मीडिया के जरिए फैलाई गई अफवाह को रोकने में प्रशासन विफल रही है. अगर सुरक्षा एजेंसी सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर नजर रखती और समय रहते उसे रोक पाती, तो राज्य के अलग-अलग जिले में हुई कई हिंसक घटनाएं को रोका जा सकता था. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि झारखंड पुलिस जब वायरल मैसेज रोक नहीं रोक पाती है तो साइबर अपराध को कैसे रोकेंगे.
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सोशल मीडिया पर अफवाह से हाल में हुई घटनाएं
15 मार्च 2021 : हजारीबाग जिले के कटकमदाग प्रखंड के ग्राम सुल्ताना में इंटरनेट मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट व कमेंट्स को लेकर युवाओं के बीच मारपीट हुई. जिसके बाद मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि देखते ही देखते दो पक्षों में तनाव की स्थिति बन गई.
15 मार्च 2021 : लोहरदगा शहरी क्षेत्र के ब्लॉक मोड़ के समीप बच्चा चोर के अफवाह में दो युवकों की कुछ लोगों ने जमकर पिटाई कर दी थी.
01अगस्त 2020 : हजारीबाग जिले के कटकमदाग थाना क्षेत्र के खपरियावां-बनहा में मंदिर के पास प्रतिबंधित मांस की सूचना पर को दो समुदाय आपस में भीड़ गये. दोनों पक्षों में झड़प के बाद जमकर पथराव हुआ. भिड़ ने एक बाइक फूंक डाली. आठ वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था.
8 अप्रैल 2020: गुमला में कोरोना संक्रमण फैलाने के अफवाह को लेकर हुए विवाद में दो पक्ष भिड़ गए. इसमें एक युवक की मौत हो गई जबकि दूसरा गंभीर रूप से जख्मी हो गया था.
13 अक्टूबर 2018 : चाईबासा में फेसबुक पर हिन्दू देवी दुर्गा के बारे में आपतिजनक पोस्ट करने वाले युवक रामहरि गोप को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
19 मई 2017: बच्चा चोरी की अफवाह में सरायकेला के राजनगर थाने के तीन गांवों में चार और जमशेदपुर के बागबेड़ा के नागाडीह गांव में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी.
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चार साल बाद भी नहीं बन सकी है अलग से सुरक्षा एजेंसी
बीते सात फ़रवरी 2017 को तत्कालीन सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव सुनील वर्णवाल ने कहा था,कि साइबर क्राइम रोकने के लिए अलग से सुरक्षा एजेंसी बनेगी. जो साइबर अपराध में लगे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. यह बात उन्होंने कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी देते हुए कहा था. आज की तारीख तक इस तरह की कोई नई एजेंसी नहीं बनी है और ना ही इसे बनाने की प्रक्रिया चल रही है. पहले से चल रही व्यवस्था अभी भी लागू है.
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