Ranchi : झारखंड पुलिस ने पिछले तीन साल के दौरान नक्सलियों के द्वारा लूटे गए पुलिस के 133 हथियार बरामद किये हैं. झारखंड पुलिस ने साल 2018 में 61, साल 2019 में 27 और 2020 में 45 नक्सलियों द्वारा लूटे गए पुलिस के हथियार बरामद किये गये हैं. साल 2019 की तुलना में 2020 में ज्यादा लूटे गये हथियार की बरामदगी हुई है. यह सभी हथियार नक्सलियों ने पुलिस पिकेट पर हमला कर या फिर जवानों की हत्या कर लूटे थे.
नक्सलियों के पास हथियार बहुत पर गोली नहीं
जानकारी के अनुसार, नक्सलियों के पास हथियारों की कमी नहीं है. आधुनिक हथियारों में गन, एके 47 समेत कई हथियार हैं. इस हिसाब से गोली, कारतूस की मात्रा काफी कम है. जंगल में सर्चिंग पर निकले पुलिस से एकाएक मुठभेड़ होने पर नक्सली भी उतनी ही देर तक टिके रहते हैं, जितनी देर तक की गोली उनके पास गोली रहे. बाद में गोली कम पड़ता देख नक्सली भाग जाते हैं. इसके अलावा कई बार तो नक्सलियों के पास गोली द्याजा नहीं होने का वजह से मुठभेड़ के दौरान छिप जाते हैं.
इसे भी पढ़ें –रांची : 1 फरवरी को कोविशील्ड लेने वाले मेदांता कर्मचारी की मौत, बोले डॉक्टर- हार्ट अटैक ने ली जान
झारखंड पुलिस के लिए 46 मोस्ट वांटेड नक्सली हैं चुनौती
झारखंड पुलिस के लिए 46 मोस्ट वांटेड नक्सली चुनौती बने हुए हैं. इन मोस्ट वांटेड नक्सलियों के खिलाफ झारखंड पुलिस लगातार अभियान चला रही है. 46 मोस्ट वांटेड नक्सलियों में चार नक्सली पर एक करोड़ का इनाम है.
वहीं सात नक्सली 25 लाख इनामी, 16 नक्सली 15 लाख के इनामी हैं. जबकि 19 नक्सली 10 लाख इनामी हैं. ये सभी 46 मोस्ट वांटेड नक्सली झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं. और समय-समय पर वारदात को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति भी दर्ज करा रहे हैं. इसमें से एक करोड़ का इनामी प्रशांत बोस, मिसिर बेसरा,असीम मंडल और अनल दा उर्फ तूफान, 25 लाख का इनामी नक्सलियों में चमन उर्फ लंबू, लालचन्द्र हेंब्रम, रघुनाथ हेंब्रम, अजीत उरांव, संजीत यादव,अजय महतो, दिनेश गोप है.
वहीं 15 लाख के इनामी नक्सलियों में मोछू उर्फ मेहनत, संजय महतो, बुद्धेश्वर उरांव, नवीन उर्फ सर्वजीत यादव, छोटू खेरवार, मार्टिन केरकेट्टा, रमेश गंझू आक्रमण गंझू , अविनाश मांझी, पिंटू राणा, मुराद जी उर्फ गुरुजी, रामप्रसाद मार्डी, नितेश यादव रविंद्र गंझू, अमित मुंडा और बेला सरकार है.
10 लाख के इनामी नक्सलियों में सुरेश सिंह मुंडा, तिलकेश्वर गोप, आरिफ उर्फ शशिकांत, रामदयाल महतो मृत्युंजय जी, बलराम उरांव, कंचन तुरी, दीपक यादव, मुनेश्वर गंझू, महाराजा प्रमाणिक, जीवन कंडूलना, अरविंद भुइयां, पप्पू लोहरा, मनोहर गंझू, नीरज सिंह खेरवार, भीखन गंझू , साहिबराम मांझी, विवेक यादव और सनीचर सुरीन शामिल है.
इसे भी पढ़ें –राकेश टिकैत से मिले कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, आंदोलन को दिया समर्थन
देश के 30 नक्सल प्रभावित जिलों में 13 जिले झारखंड के
झारखंड में भले नक्सली कमजोर पड़ गए हैं और झारखंड पुलिस लगातार नक्सलियों के खात्मे की अभियान चला रही है. इसके बावजूद भी देश के 30 नक्सल प्रभावित जिलों में 13 जिले झारखंड के हैं. जो सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में हैं. सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिले के मामले में झारखंड पहले स्थान पर है, तो छत्तीसगढ़ के 8 जिले सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों के साथ दूसरे स्थान पर है. झारखंड के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में खूंटी, गुमला, लातेहार, सिमडेगा, पश्चिम सिंहभूम, रांची, दुमका, पलामू, गढ़वा, चतरा, लोहरदगा, बोकारो और सरायकेला हैं.
झारखंड के इन जिलों में है सक्रिय माओवादियों का दस्ता
गढ़वा, लातेहार व गुमला के सीमावर्ती क्षेत्र में विमल यादव और बुद्धेश्वर उरांव का दस्ता सक्रिय है. चाईबासा के सरायकेला, छोटानागपुर और गोयलकेरा में माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य व एक करोड़ के इनामी किशन दा उर्फ प्रशांत बोस, महाराजा प्रमाणिक, अनमोल उर्फ समर जी, मेहनत उर्फ मोछू, चमन उर्फ लंबू, सुरेश मुंडा व जीवन कंडुलना का दस्ता सक्रिय है.
गिरिडीह-जमुई और कोडरमा-नवादा बॉर्डर पर सैक सदस्य करुणा, पिंटू राणा का दस्ता सक्रिय है. हजारीबाग-चतरा-गया बॉर्डर पर माओवादी रिजनल कमेटी सदस्य इंदल गंझू दस्ता सक्रिय है. बोकारो जिला के बेरमो अनुमंडल के नक्सल प्रभावित चतरोचट्टी और जगेश्वर बिहार थाना के जंगली क्षेत्र में एक करोड़ का इनामी माओवादी नेता मिथिलेश सिंह दस्ता सक्रिय है.
इसे भी पढ़ें –रांची: पुंदाग में पेड़ से लटका मिला युवक का शव, छानबीन जारी