Shruti Prakash Singh
Ranchi: भारत इस समय 21वीं सदी में जी रहा है. लेकिन कई कुप्रथाएं आज भी देश से गयी नहीं हैं. इन्हीं में से एक बाल विवाह है. कहने को तो गांव में भी लोग अब अपने बच्चों को पढ़ाने पर जोर दे रहा हैं, लेकिन जो आंकड़े हैं , वो चौकाने वाले हैं. झारखंड में भी बाल विवाह का आंकड़ा चौंकाने वाला ही है. देश में पश्चिम बंगाल और बिहार के बाद झारखंड बाल विवाह के मामले में तीसरे स्थान पर है. एनएफएचएस (संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष) के अनुसार, गोड्डा में बाल विवाह का प्रचलन सबसे अधिक है. इसके बाद गढ़वा, देवघर और गिरिडीह का स्थान है, जबकि सिमडेगा में सबसे कम दर है.
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बाल विवाह सबसे बड़ी कुप्रथा है
बाल विवाह किसी राज्यके लिए सबसे बड़ा कुप्रथी है और दुर्भाग्य से झारखंड इसमें तीसरे स्थान पर है. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के आंकड़ों के अनुसार, “झारखंड देश के शीर्ष तीन राज्यों में से एक है, जहां बाल विवाह की प्रथा सबसे अधिक है – और औसत मामले पहले कभी भी 50% से नीचे नहीं गए हैं. कई रिपोर्ट्स में पाया गया है कि झारखंड में बाल विवाह का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत 47% से बहुत अधिक है. इसमें 15-19 वर्ष की आयु की विवाहित लड़कियों का अनुपात 49% सबसे अधिक है. 63% लड़कियों की शादी कानूनी उम्र से पहले यानी 18 साल से पहले कर दी गई थी.
क्या कहते हैं सीडब्ल्यूसी चेयरमैन
इस विषय पर जब (Child Welfare Committee) CWC के चेयरमैन अजय शाह से बात की गयी. तो उन्होंने बताया की ये बिलकुल सही है कि झारखंड में बाल विवाह के केस बहुत ज्यादा हैं. उन्होंने बताया कि झारखंड में बाल विवाह का सबसे बड़ा कारण सोशल फैक्टर है. जैसे कि रांची के जो ग्रामीण क्षेत्र (RULER AREA ) हैं, वहां का एक मामला उनके समक्ष आया था. जिसके बाद उन्होंने बच्ची को अपने पास बुलाया और उसके घरवालों को भी बुलाया. फिर घरवालों से पूछा कि आखिर उस बच्ची का बाल विवाह क्यों करवाया जा रहा है, तो लड़की के पिता ने बताया कि उसकी 5 लड़कियां हैं. सबकी शादी करनी है और आर्थिक स्थिती भी ठीक नहीं है. इससे आगे बताया कि उनका स्वास्थय भी ठीक नहीं रहता है तो ऐसे में मजबूरी है कि शादी करनी पड़ रही है.
अजय शाह ने जब लड़की से सवाल किया तो जवाब दिया कि घरवालों पर बोझ बढ़ रहा है, इसलिए चाहती है कि शादी हो जाए. अजय शाह ने बताया कि बाल विवाह के पीछे बड़ी वजह गरीबी और अशिक्षा है. इसके लिए लोगों को जागरूक करके ही बाल विवाह को रोका जा सकता है.
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