Shubham Kishore
Ranchi : 1823 में फुटबॉल मैच खेले जाने के दौरान ही रग्बी खेल का आविष्कार हुआ. विलियम वेब एलिस, जो ग्रेट ब्रिटेन के स्कूली छात्र थे. उन्होंने ही फुटबॉल हाथ में लेकर दौड़ लगायी थी और रग्बी फुटबॉल खेल की शुरूआत हुई. रग्बी को अब भारत में भी खेला जाता है. रग्बी को प्रति टीम 15 खिलाड़ियों के साथ बनाया जाता है: आठ खिलाड़ी स्क्रम में और सात खिलाड़ी पूरे मैदान में बिखरे हुए होते हैं, जिन्हें बैक कहा जाता है. दोनों सिरों पर एच-आकार के गोलपोस्ट के साथ एक आयताकार मैदान पर अंडाकार आकार की गेंद के साथ अंक बनाने की कोशिश करते हैं.
झारखंड रग्बी एसोसिएशन राज्य में रग्बी के विस्तार में लगा है. 2011 में झारखंड के नेशनल गेम्स की मेजबानी के बाद रग्बी एसोसिएशन सामने आया और इस खेल को आगे बढ़ाने में लग गया. 2014-15 में राष्ट्रीय जूनियर रग्बी चैम्पियनशिप का आयोजन कराया गया. 2020-21 में झारखंड ओलंपिक संघ से पर्मानेंट मेंबर बने.
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नेशनल रग्बी चैम्पियनशिप का तैयारियों में जुटी है टीम
वहीं झारखंड रग्बी टीम 6-18 जून तक पुणे में होने वाले जूनियर और सीनियर नेशनल रग्बी चैम्पियनशिप की तैयारियों में जुटा है. साथ ही गोवा में होने वाले 37 वें नेशनल गेम्स की भी तैयारी में टीम लगा है. वहीं अक्टूबर में झारखंड राज्य स्तरीय सब जूनियर रग्बी का आयोजन करने की तैयारी चल रही है.
वर्तमान में ये हैं झारखंड रग्बी एसोसिएशन के मेंबर्स
वर्तमान में झारखंड रग्बी एसोसिएशन में अध्यक्ष विष्णु जालान, सचिव हेजाज असदक, कोषाध्यक्ष सुनील गुप्ता और के के सिंह हैं. साथ ही झारखंड के आठ जिला में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. जिसमें चाईबासा, खूंटी, सरायकेला, रामगढ़, रांची, बोकारो, कोडरमा और जमशेदपुर है. सभी जिलों में सभी वर्ग मिलाकर लगभग 300 खिलाड़ी ट्रेनिंग ले रहे हैं. 2022 में नेशनल स्तर पर झारखंड की जूनियर टीम ने सिल्वर मेडल जीता. वहीं एशियन रग्बी चैंपियनशिप के अंडर 18 में खूंटी जिला के डेविड मुंडा ने भारत के नेशनल टीम का प्रतिनिधित्व किया.
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