पिछड़ा जाति आयोग का गठन होने के बाद ट्रिपल टेस्ट का भी रास्ता होगा साफ
Ranchi : भाजपा विधायक अमर बाउरी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिलने के बाद अब राज्य के महत्वपूर्ण आयोगों और संवैधानिक पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिलने के कारण 3 साल 10 महीने से इन आयोगों के अध्यक्ष और सदस्यों के पद खाली पड़े हैं. अमर बाउरी के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद अब राज्य सूचना आयोग, मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त, पिछड़ा वर्ग आयोग जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियां होंगी और इन आयोगों के दफ्तरों में लंबित हजारों शिकायतों का निपटारा शुरू होगा.
मई 2020 से खाली है सूचना आयोग के अध्यक्ष का पद
झारखंड राज्य सूचना आयोग के अध्यक्ष और पांच सदस्यों का पद मई 2020 से खाली है. इतने समय में आयोग में पेंडिंग अपीलों की संख्या 15030 पहुंच चुकी है. इनमें 7658 अपील वैसे हैं, जिनमें मई 2020 से पहले एक या दो बार सुनवाई हो चुकी है, जबकि 7372 फ्रेश अपील हैं. 230 शिकायतवाद भी आयोग में पेंडिंग हैं. इनमें सुनवाई के लिए 71 और सूचना आयुक्त के अप्रूवल के लिए 159 शिकायतवाद शामिल हैं. नये सूचना आयुक्त के आने के बाद इन अपीलों को अप्रूवल मिलेगा उसके बाद ही सुनवाई होगी. उम्मीद है कि जल्द ही सूचना आयोग के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू होगी. राज्य सरकार को मुख्य सूचना आयुक्त पद के लिए 63 और 5 सूचना आयुक्त पद के लिए 354 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें से बेहतर उम्मीदवारों का चयन होगा.
जून 2021 से लोकायुक्त का पद खाली है
झारखंड में लोकायुक्त का पद 2 साल 4 महीने से खाली है. 29 जून 2021 को झारखंड के लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय के निधन के बाद से यह पद खाली पड़ा है. लोकायुक्त नहीं होने के कारण कार्यालय में रिम्स डेंटल कॉलेज में डेंटल चेयर खरीद में भ्रष्टाचार सहित हजारों मामले कई वर्षों से लंबित पड़े हुए हैं. झारखंड लोकायुक्त कार्यालय को अभी तक आठ हजार के करीब लोकसेवकों की शिकायतें मिली हैं.
इनमें से दो हजार से अधिक शिकायतों पर लोकायुक्त कार्यालय आगे नहीं बढ़ सका है. पिछले पांच वर्षों में 3,361 से अधिक मामले लोकायुक्त के पास आये थे. इसमें से 2,200 से अधिक मुकदमों का निष्पादन हो चुका है. इसमें से अधिकतर मामले सेवानिवृत्ति लाभ से संबंधित थे. नेता प्रतिपक्ष के आने से यह पद भी जल्द भरेगा.
2018 से नहीं हैं मानवाधिकार आयोग में अध्यक्ष
झारखंड राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर भी जल्द ही नियुक्ति शुरू होगी. राज्य में 2018 से मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष का पद खाली है. झारखंड के मानवाधिकार आयोग में एक अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति होगी. जून 2023 में इसे लेकर विज्ञापन निकाला गया था. मानवाधिकार आयोग में अध्यक्ष नहीं होने के कारण कई सैकड़ों शिकायतें लंबित पड़ी हैं.
जनवरी 2023 से पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष का पद खाली
झारखंड पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष का पद जनवरी 2023 से खाली है. जस्टिस लोकनाथ प्रसाद के निधन के बाद से यह पद खाली है. आयोग के सदस्यों के भी पद खाली हैं. पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष नहीं होने की वजह से झारखंड के नगर निकाय चुनावों को लेकर होने वाला ट्रिपल टेस्ट का मामला फंसा हुआ है. कैबिनेट ने ट्रिपल टेस्ट पिछड़ा आयोग से कराने की मंजूरी दी थी, लेकिन अबतक आयोग का गठन नहीं हुआ है. इसके कारण सरकार नियमावली में संशोधन पर विचार कर रही थी. अब नेता प्रतिपक्ष के आने से आयोग के गठन का रास्ता साफ हो गया है.