Ranchi : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अंदर की अंदरूनी कलह पर लगातार.इन लगातार खबर सामने आती रही है. विधायकों की नाराजगी और उनके द्वारा गुटबाजी को बढ़ावा देने सहित कतिपय विधायकों द्वारा भाजपा नेताओं से संपर्क की खबर पिछले दिनों से सुर्खियां बटोरी रही हैं. अब पार्टी के अंदर नाराजगी की एक नयी खबर सामने आयी है. इस बार नाराजगी चार साल बाद होने जा रही प्रदेश कांग्रेस कमेटी विस्तार को लेकर है. बताया जा रहा है कि इसकी जानकारी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्षों तक को नहीं दी गयी. वर्तमान में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में एक प्रदेश अध्यक्ष के साथ पांच कार्यकारी अध्यक्ष हैं. इसमें से केवल एक कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश को ही इसकी जानकारी थी. मीडिया में आयी खबर के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम सहित केशव महतो ने मिलकर प्रदेश कमेटी विस्तार की सूची तैयार की, जिसे बाद में केशव महतो ने यह सूची केंद्रीय नेतृत्व को सौंपा है.
नयी कमेटी विस्तार को लेकर लगातार.इन ने चारों कार्यकारी अध्यक्षों से बातचीत की. उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें इसकी जानकारी थी.
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राजेश ठाकुर ने कहा, नहीं थी जानकारी
राजेश ठाकुर ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि प्रदेश कमेटी विस्तार की नयी सूची कब तैयार हुई. कब इसे दिल्ली भेजा गया. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि प्रदेश अध्यक्ष इसे लेकर सभी नेताओं से बातचीत करते रहते हैं.
मानस सिन्हा ने भी कहा, नहीं है जानकारी
मानस सिन्हा ने कहा, नयी सूची की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने उम्मीद जताया कि जब भी ऐसी कोई पहल होगी, तो प्रदेश अध्य़क्ष उन्हें बुलाकर कार्यकारी अध्यक्षों से बातचीत करेंगे.
संजय लाल ने कहा, उन्हें तो स्वयं मीडिया से मिली जानकारी
संजय लाल पासवान ने भी कहा कि उन्हें भी प्रदेश कमेटी विस्तार को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गयी है. उन्हें तो स्वंय एक समाचार पत्र के माध्यम से यह जानकारी मिली. उन्होंने कहा कि जब भी कमेटी बनेगी, तो सारे कार्यकारी अध्यक्ष, विधायक, जोनल कॉर्डिनेटर से पहले विचार-विमर्श किया जाएगा.
इरफान ने कहा, आरपीएन सिंह जरूर लेंगे राय
इरफान अंसारी ने भी कहा कि दिल्ली भेजी गयी प्रदेश कमिटी विस्तार सूची की जानकारी उन्हें भी नहीं थी. अगर सभी कार्यकारी अध्यक्षों से बातचीत कर सूची भेजा जाता, तो शायद ज्यादा अच्छा था. इरफान ने उम्मीद जतायी कि सूची को लेकर प्रदेश प्रभारी उन लोगों से जरूर राय लेंगे.
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नयी परंपरा की हो रही शुरुआत
प्रदेश कमेटी विस्तार की सूची तैयार करने में किसी को जानकारी नहीं देने और प्रदेश अध्यक्ष की जगह किसी और के द्वारा दिल्ली ले जाने की पहल पर पार्टी में नाराजगी भी दिखी है. पुराने नेताओं का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई कार्यकारी अध्यक्ष प्रदेश कमेटी की सूची लेकर दिल्ली गया है. अमुमन यह परंपरा रही है कि यह काम स्वयं प्रदेश अध्यक्ष करते है. इसी तरह पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी भी नेता को प्रदेश कमेटी विस्तार की जानकारी नहीं दी गयी.