Ranchi: अधिवक्ता मनोज झा की हत्या से आक्रोशित वकीलों ने एक दिन के न्यायिक कार्य के बहिष्कार की घोषणा की है. इस घोषणा के बाद झारखंड में शुक्रवार (30 जुलाई) को राज्यभर के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से दूर रहेंगे. झारखंड स्टेट बार कौंसिल ने शुक्रवार को किसी भी तरह के न्यायिक कार्य में अधिवक्ताओं को उपस्थित नहीं होने का निर्देश दिया है. बुधवार को स्टेट बार काउंसिल की आकस्मिक बैठक में यह निर्णय लिया गया है.
बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा ने की यह जानकारी झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता एवं स्टेट बार काउंसिल के सदस्य हेमंत कुमार सिकरवार ने दी. हेमंत सिकरवार के मुताबिक न्यायिक कार्य से दूर रहने के अलावा अधिवक्ता मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे और एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करवाने की दिशा में ठोस पहल की मांग करेंगे. स्टेट बार काउंसिल का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के अलावा राज्यपाल से भी मुलाकात करेगा और दिवंगत अधिवक्ता के परिजनों को मुआवजा देने समेत अन्य मांगों पर ज्ञापन सौंपेगा.
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अधिवक्ता की हत्या के बाद से राज्यभर के अधिवक्ताओं में आक्रोश
मनोज झा की हत्या के बाद राज्यभर के अधिवक्ताओं में आक्रोश है. बता दें कि तमाड़ थाना क्षेत्र स्थित रडगांव में बीते सोमवार की शाम अधिवक्ता मनोज झा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अपराधियों ने कार में बैठे अधिवक्ता मनोज झा को चार गोली मारी थी. मनोज झा रांची के चर्च रोड के रहने वाले थे. वे मूल रूप से भागलपुर के रहने वाले थे.
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हाईकोर्ट ने भी मामले को बताया था गंभीर
झारखंड हाईकोर्ट ने भी अधिवक्ता मनोज कुमार झा की हत्या के मामले में रांची एसएसपी को तलब किया था. अदालत ने कहा था कि दिनदहाड़े एक अधिवक्ता की हत्या हुई है और यह एक गंभीर मामला है. इसकी जांच तेजी से की जाये. हालांकि अदालत ने कहा कि वह इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज नहीं कर रही है. लेकिन इसकी जांच तेजी से की जाए और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए. रांची एसएसपी ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि वे इस मामले के खुलासे के नजदीक हैं. जल्द ही मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.