Ranchi : गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने फैसला किया है कि पार्टी इस बार भाजपा के चरित्र को उजागर करने का काम करेगी. यह जानकारी पार्टी नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने दी है. पार्टी मुख्यालय में गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने कहा कि गुजरात विधानसभा की 40 आरक्षित सीटों (27 अनुसूचित जनजाति और 13 अनुसूचित जाति) पर झामुमो भाजपा की चाल, चरित्र और चेहरे को उजागर करेगा. सुप्रियो से जब पूछा गया कि क्या पार्टी का कोई नेता किसी दल के प्रचार के लिए गुजरात जाएगा, तो सुप्रियो ने केवल इतना कहा कि आज के जमाने में चिड़िया उड़ाना और रांची से अहमदाबाद की दूरी नापना वे भी जानते हैं.
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ईसीआई को इलेक्शन कन्वीनियंस ऑफ इंडिविजुअल नाम दिया
प्रेस कांफ्रेंस कर सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को इलेक्शन कन्वीनियंस ऑफ इंडिविजुअल यानी व्यक्तिगत सुविधा के लिए निर्वाचन का आयोजन करना नाम दिया. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का मतदान 12 नवंबर को होगा. इससे पहले 9 और 10 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे. फिर गुजरात विधानसभा चुनाव जिसका पहला मतदान 1 दिसंबर को होना है, उसका नोटिफिकेशन 14 नवंबर को होगा. मतलब साफ है कि पहले चुनाव से आराम देना, फिर दूसरे चुनाव की तैयारी करना. यानी चुनाव आयोग का स्वरूप आज बदल गया है. इलेक्शन कन्वीनियंस ऑफ इंडिविजुअल यानी एक राज्य का चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद फिर से दूसरे राज्य जाना.
अब चुनाव को मैनेज किया जा रहा है
झामुमो नेता ने कहा, गुजरात जहां 182 सीट है, वहां भी 27 अनुसूचित जनजाति सीट है. लेकिन चुनाव दो चरणों में होगा. इसी तरह झारखंड में 81 सीट है. यहां भी 28 सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. लेकिन यहां चुनाव पांच चरण में क्यों होता था. इस खेल को समझना पड़ेगा. किस तरह से अब चुनाव को मैनेज किया जा रहा है. अब तो ऐसा लगता है कि चुनाव अब केवल संवैधानिक प्रोसेस है, इसलिए निभाना पड़ता है. कुछ दिनों बाद यह भी हो जाएगा कि क्यों चुनाव कराएं. किस प्राइवेट कंपनी से सर्वें कराएं. जो पार्टी जिस कंपनी को ज्यादा पैसा देगी. उसकी सरकार बन जाएगी.
आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान किया जा रहा
झामुमो नेता ने कहा कि आदिवासियों को केवल खिलौना बनाना, भाजपा की नियति बन गयी है. गुजरात में दलितों के साथ किस तरह से अत्याचार हुआ, यह सभी जानते हैं. झारखंड में भी आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान किया जा रहा है. ऐसे में अब हम गुजरात की 27 अनुसूचित जनजाति सीट और 13 अनुसूचित जाति सीटों की पहचान कर वहां भाजपा के चेहरों को उजागर करने का काम करेंगे.
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