Jamshedpur : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) फिर उलगुलान की राह पर चलने की तैयारी कर रहा है. इस बार पार्टी ने टाटा घराने के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा. टाटा घराने के खिलाफ पूरे कोल्हान में 17 नवंबर को 12 घंटे प्रदर्शन किया जाएगा. प्रदर्शन सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक होगा. जमशेदपुर में टाटा स्टील का गेट जाम कर प्रदर्शन किया जाएगा. यह निर्णय गुरुवार को कोल्हान प्रमंडल के सभी विधायकों, तीनों जिलों के सांगठनिक पदाधिकारियों की कदमा उलियान में हुई बैठक में लिया गया. बैठक के बाद मीडिया से पार्टी के वरिष्ठ विधायक दीपक बिरूआ ने बताया कि टाटा घराना अपनी दो महत्वपूर्ण कंपनियों टाटा मोटर्स और टाटा कमिंस का कार्यालय जमशेदपुर से स्थानांतरित (शिफ्ट) कर महाराष्ट्र के पुणे ले जा रहा है. ऐसा होने से दोनों कंपनियों का न्यायिक क्षेत्र बदल जाएगा. यहां के लोग महाराष्ट्र सरकार के नियमों के अधीन हो जाएंगे. इसे झामुमो कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. टाटा घराने का आज पूरे विश्व में नाम झारखंड (जमशेदपुर) के कारण है. कंपनी यहां की जमीन, मिनरल्स, माइंस, मजदूर आदि का इस्तेमाल करती है. फिर कार्यालय दूसरे राज्य में ले जाने का क्या तुक है. दीपक बिरूआ ने बताया कि यह एक गहरी साजिश का हिस्सा है. लेकिन इसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. दोनों कंपनियों का मुख्यालय-कार्यालय झारखंड में रहना चाहिए. इसके लिए पार्टी को जिस स्तर पर जाकर आंदोलन करना पड़ेगा करेगी.
वादा खिलाफी कर रही कंपनी
विधायक दीपक बिरूआ ने बताया कि टाटा घराने ने अपने स्थापना के समय जो वादा किया था, उसे पूरा करती आई है. लेकिन अब वह धीरे-धीरे अपने कर्तव्यों से मुकरने लगी है. दोनों कंपनियों का मुख्यालय-कार्यालय यहां से शिफ्ट किया जाना भी उसी का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि पहले चरण में पूरे कोल्हान में पार्टी के विधायक और जिलाध्यक्ष 17 नवम्बर को आंदोलन करेंगे. उस दिन टाटा घराने का जहां-जहां प्रतिष्ठान है वहां गेट जाम कर प्रदर्शन किया जाएगा.
स्थानीय को आरक्षण और प्राथमिकता नीति तय होते ही बदले टाटा ग्रुप के तेवर
घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि टाटा कंपनी को यहां के मजदूरों ने सींचा है. इससे आज इसकी देश-विदेश में पहचान है. हाल में झारखंड सरकार ने निजी कंपनियों में स्थानीय लोगों को रोजगार में आरक्षण और भागीदारी तय करने से कंपनी ने अपने तेवर बदले हैं. इससे यह साफ होता है कि कंपनी स्थानीय लोगों के हितों को दरकिनार करना चाहती है. लेकिन झामुमो ऐसा होने नहीं देगा. इसके लिए जो भी कदम उठाने पड़ेंगे पार्टी उठाएगी. बैठक में विधायक सविता महतो, दशरथ गागराई, मंगल कालिन्दी, संजीव सरदार, समीर मोहंती, निरल पुर्ती, सुखराम उरांव, पूर्व सांसद सुमन महतो, प्रमोद लाल, राजू गिरी, मोहन कर्मकार, बाहर खान, बलदेव भुइय़ां, राजेश सामंत सहित काफी संख्या में पार्टी पदाधिकारी मौजूद थे.