Jamtara : जामताड़ा विधायक डॉ. इरफान अंसारी तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा जिलाध्यक्ष के बीच एक सप्ताह से जारी गतिरोध ने जामताड़ा में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शिलान्यास के बाद दोबारा विधायक द्वारा शिलान्यास करने तथा मुख्यमंत्री की जगह खुद का नाम शिलापट्ट पर सर्वोपरि रखने जैसी बातें जेएमएम के गले नहीं उतर रही है. जेएमएम जिलाध्यक्ष सह 20 सूत्री उपाध्यक्ष श्यामलाल हेम्ब्रम द्वारा विधायक को दी गयी चेतावनी पर विधायक खेमे ने जेएमएम जिलाध्यक्ष को भाजपा का एजेंट करार दिया और माफी मांगने की बात कही. रविवार को इसी सिलसिले में जेएमएम जिलाध्यक्ष श्यामलाल हेम्ब्रम के आवास पर एक बैठक के बाद उन्होंने कहा कि मैंने विधायक को समझाया था. लेकिन उन्होंने मुझे ही उटपटांग कहलवा दिया, अब पानी सिर से ऊपर हो चुका है. हमलोग अब तक गठबंधन धर्म की खातिर चुप थे, लेकिन अब चुप नहीं बैठेंगे. अब विधायक के करतूतों का पर्दाफाश करना है. वे गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं. हर वक्त अपनी मर्जी से चल रहे हैं. हमलोगों ने मिलकर जिताया. बीजेपी ने दौड़ाया था और आज हम ही को बीजेपी का एजेंट बता दिये. कांग्रेस गठबंधन में रहेगी लेकिन ये नहीं रहेंगे. गठबंधन के साथियों को भी नजरअंदाज किया है. अगर शिलान्यास किया है तो मुख्यमंत्री का ऊपर नाम होता.
विभागीय अधिकारी भी कैसे अनुमति दे दिए शिलापट्ट लगाने का, अगर ये नहीं सुधरे तो हम मुख्यमंत्री से लेकर न्यायालय तक जाएंगे. इनकी गलती गिनाने में थक जाएंगे.
मौके पर जेएमएम उपाध्यक्ष अब्दुल मन्नान ने कहा कि विधायक ने न सिर्फ गठबंधन के नेताओं का अपमान किया है. बल्कि मुख्यमंत्री का भी अपमान किया है. उनका चेला बयान जारी करता है कि आदिवासी मुस्लिम का रोष जेएमएम से है. जबकि बात बिल्कुल उलट है. इस तरह की ओछी हरकतों से बाज आएं. वरना जेएमएम का सिपाही उन्हें सबक सिखाने के लिए तैयार है. मौके पर मो. सब्बीर अंसारी, मोफुज अंसारी, सहादत अंसारी, वसीम मियां, बाबर अंसारी, राजू हेम्ब्रम, महमूद अंसारी, हीरालाल सोरेन, किंकर राय, सकेश सिंह, हेनो मुर्मू, ननकू हेम्ब्रम, निशापति मुर्मू मौजूद रहे.
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