Ranchi : भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने के दौरान जारी तस्वीर का मामला ने अब तूल पकड़ लिया है. झामुमो ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को निशाने पर लिया है. कहा कि यह पीएम नरेंद्र मोदी की तानाशाही और अभद्रता की पराकाष्ठा है. भाजपा और उनके पीएम की नजर में आदिवासी, दलित, पिछड़ा, गरीब का तो कोई सम्मान नहीं है, यह पहले भी जगजाहिर हो चुका है. मगर इन्हें कम से कम राष्ट्रपति जैसे पद और भारत रत्न की गरिमा का तो सम्मान होना चाहिए, ऐसी उम्मीद देश करता है. एक दलित राष्ट्रपति को संसद भवन के शिलान्यास में नहीं बुलाना और एक आदिवासी राष्ट्रपति को संसद भवन के उद्घाटन में नहीं बुलाना, यह देश पहले देख चुका है. क्योंकि एक दलित और आदिवासी पूजा में कैसे शामिल हो सकता है. प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए कि ऐसी परिस्थिति कैसे उत्पन्न हुई कि राष्ट्रपति को खड़ा रहना पड़ा और प्रधानमंत्री कुर्सी पर बैठकर मुस्कुराते रहे. यह बात झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही.
रविवार को तीन तस्वीरें पूरे देश ने देखी
भट्टाचार्य ने कहा कि कल (रविवार को) देश में तीन तस्वीर सामने आई जो देश के लिए काफी महत्वूूपर्ण थी. जिसमें एक लालकृष्ण आडवाणी के घर में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का फोटो. दूसरा फोटो मेरठ का जहां पर चौधरी चरण सिंह के वंशजों की घोर उपेक्षा हुई. मजे की बात यह थी कि वहां के सीएम और सांसद भी इसमें शामिल रहे. यह कैसा चौधरी चरण सिंह का सम्मान. भट्टाचार्य ने कहा कि तीसरी तस्वीर दिल्ली के रामलीला मैदान से आयी, जहां दो राज्यों के एक पूर्व सीएम और एक वर्तमान सीएम को लेकर पूरा विपक्ष एक मंच पर आया और तानाशाही के खिलाफ आवाज उठायी. रामलीला मैदान से बात निकलकर पूरे देश में गयी. पूरे देश ने देखा कि किस तरह से एक चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री को साजिश के तहत जेल में डाल दिया जा रहा है.
जिस दिन नामांकन करेंगे निशिकांत उस दिन पूरा कुंडली जारी करेंगे, आचार संहिता बाद होगी जांच
सुप्रियो भट्टचार्य ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चिल्लाने वाले भाजपा के सांसद निशिकांत दूबे कितने भ्रष्टाचारी हैं, यह जसीडीह थाने में एफआईआर के रूप में दर्ज हो चुका है. जिस दिन वे अपना नामांकन करेंगे, उस दिन उनकी पूरी कुंडली जारी करेंगे. अभी तो आचार संहिता है, मगर आचार संहिता खत्म होने के बाद इस पूरे मामले की जांच करायी जाएगी.
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