Ranchi : पारा शिक्षक के तौर पर चयनित होने के बावजूद आज भी रंजीत कुमार अपनी नौकरी पाने के लिए चक्कर काट रहे हैं. रंजीत कुमार का चयन उत्क्रमित मध्य विद्यालय, काशीटांड लोहरदगा में पारा शिक्षक के तौर पर हुआ था. ग्रामसभा के द्वारा इनका चयन किया गया था, जिसे तत्कालीन बीडीओ, सीओ,बीपीओ, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों ने जिले के लिए अनुमोदित कर दिया था. चयनित 30 लोगों में से 29 की नौकरी तो हो गयी, लेकिन रंजीत कुमार को नहीं मिली. इसके बाद रंजीत कुमार ने हाई कोर्ट की शरण ली. हाई कोर्ट ने भी इनके पक्ष में फैसला दिया, लेकिन इसके बावजूद इनकी ज्वाइनिंग पारा शिक्षक के तौर पर नहीं हुई. बता दें कि ग्राम सभा की मीटिंग में इनके नाम पर मुहर लग गयी थी.
किसी ने मेरी समस्या का समाधान नहीं किया
रंजीत कुमार पूछते हैं कि उन्हें क्यों नहीं रखा जा रहा है. मैंने बाबूओं- अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काटे. सुनवाई नहीं होने पर झारखंड हाई कोर्ट में गुहार लगाई. हाई कोर्ट ने मेरे पक्ष में निर्देश दिया, लेकिन फिर भी मुझे रखा नहीं गया. इसके बाद मैंने सरकार आप के द्वारा कार्यक्रम में आवेदन दिया, मुख्यमंत्री को आवेदन दिया. तत्कालीन वित्त मंत्री को भी आवेदन दिया, लेकिन किसी ने भी मेरे समस्या का समाधान नहीं किया. अब मै आस छोड़ चुका हूं. कहा कि मैंने अब अपना जीवन समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण में लगा दिया है.