New Delhi : जॉनसन एंड जॉनसन 2023 तक पूरी दुनिया में अपने बेबी टैल्कम पाउडर को बेचना बंद कर देगी. J&J का टैल्कम पाउडर अमेरिका और कनाडा में 2020 में ही बंद हो चुका है. अब कंपनी टैल्क बेस्ड पाउडर की जगह कॉर्न स्टार्च बेस्ड पाउडर लाएगी. दरअसल, दुनियाभर में दावे किए जाते रहे हैं कि इस बेबी पाउडर के इस्तेमाल से कैंसर होने का खतरा रहता है. कैंसर की आशंका वाली रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रोडक्ट की बिक्री में भी भारी गिरावट दर्ज की गई थी. हालांकि कंपनी ने हमेशा इस पाउडर को सेफ बताया. J&J ने गुरुवार को कहा कि ‘उसने अपने पोर्टफोलियो का असेसमेंट करने के बाद अपने सभी बेबी पाउडर प्रोडक्ट को टैल्कम पाउडर के बजाय कॉर्नस्टार्च का इस्तेमाल करके बनाने का कॉमर्शियल डिसीजन लिया है.’ फर्म ने कहा कि कॉर्नस्टार्च आधारित बेबी पाउडर पहले से ही दुनिया के कई देशों में बेचा जा रहा है. J&J को उन हजारों मुकदमों का सामना करना पड़ा है जिसमें आरोप लगाया गया हैं कि उसके टैल्कम पाउडर में एस्बेस्टस है जिससे कैंसर होता है.
1894 से बिक रहा है पाउडर
1894 से बेचा जा रहा जॉनसन बेबी पाउडर फैमिली फ्रेंडली होने की वजह से कंपनी का सिंबल प्रोडक्ट बन गया था. 1999 से कंपनी की इंटरनल बेबी प्रोडक्ट डिवीजन इसका मार्केटिंग रिप्रेजेंटेशन करती थी.
क्या होता है टैल्क
टैल्क एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला मिनरल है, जो पृथ्वी से निकाला जाता है. इसमें मैग्नीशियम, सिलिकॉन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन होता है. रासायनिक रूप से, टैल्क एक हाइड्रोस मैग्नीशियम सिलिकेट है, जिसका केमिकल फॉर्मूला Mg3Si4O10(OH)2 है. कॉस्मेटिक्स और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में टैल्क का इस्तेमाल होता है. टैल्क से कैंसर के खतरे के आरोप लगते रहे हैं. दरअसल, जहां से टैल्क को माइन करके निकाला जाता है, वहीं से एस्बेस्टस भी निकलता है. एस्बेस्टस (अभ्रक) भी एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला सिलिकेट मिनरल है. ये शरीर को नुकसान पहुंचाता है. जब टैल्क की माइनिंग की जाती है तो उसमें एस्बेस्टस के भी मिलने का खतरा रहता है.
क्या है कॉर्न स्टार्च बेस्ड पाउडर?
कॉर्नस्टार्च बेस्ड पाउडर में टैल्क नहीं होता. कॉर्नस्टार्च एक मिनरल फ्री फूड सब्सटेंस है जो आमतौर पर किचन में पाया जाता है. टैल्कम पाउडर की तरह, कॉर्नस्टार्च भी स्किन को ड्राय रखने में मदद करता है. कॉर्नस्टार्च बेस्ड पाउडर में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं.
भारत में भी बंद करना पड़ा था प्रोडक्शन
जॉनसन एंड जॉनसन को भारत में भी 2019 में पाउडर में एस्बेस्टस के आरोपों के बाद अपने प्लांट में प्रोडक्शन बंद करना पड़ा था. हालांकि भारत के ड्रग कंट्रोलर ने टेस्टिंग में पाउडर में एस्बेस्टस नहीं पाया. इसके बाद कंपनी ने बद्दी और मुलुंड प्लांट में अपने बेबी पाउडर का उत्पादन फिर से शुरू कर दिया था.
कंपनी को पेमेंट करने के लिए मजबूर किया जा रहा
कोर्ट फाइलिंग में, J&J के लॉयर ने बताया है कि कंपनी पिछले पांच साल में सिर्फ मुकदमों में 1 बिलियन डॉलर (करीब 7968 करोड़ रुपए) से ज्यादा पेमेंट कर चुकी है. कंपनी के बैंकरप्सी की फाइलिंग के मुताबिक, J&J को सेटलमेंट के मामलों को सुलझाने के लिए अब तक करीब 3.5 बिलियन डॉलर (28 हजार करोड़ रुपए) का पेमेंट करने के लिए मजबूर किया गया है.
सेंट लुइस में राज्य की कोर्ट के बाहर 2018 के जूरी के फैसले ने J&J को उन 20 महिलाओं को 2.5 बिलियन डॉलर (20 हजार करोड़ रुपए) का पेमेंट करने के लिए मजबूर किया, जिन्होंने अपने ओवरी के कैंसर के लिए इसके बेबी पाउडर को टारगेट किया था. मिसौरी सुप्रीम कोर्ट और US सुप्रीम कोर्ट दोनों ने फैसले को पलटने से इनकार कर दिया.
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