Ranchi : रामगढ़ में बीजेपी के सभी मोर्चों की संयुक्त कार्यसमिति की बैठक 26 दिसंबर को होने वाली है. बैठक में सभी मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष, पदाधिकारी और कार्यसमिति सदस्य शामिल होंगे. इस बैठक में पार्टी के कार्यक्रमों और आंदोलनों में सभी मोर्चों की भागीदारी पर चर्चा होगी और रणनीति तैयार की जायेगी. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के अलावा कई नेता मोर्चों को संगठन को मजबूत करने का मंत्र देंगे.
सभी मोर्चों के सहयोग से आंदोलनों को धार देगी बीजेपी
संयुक्त कार्यसमिति की बैठक में मुख्य रूप से केंद्र सरकार की उपलब्धियों और राज्य सरकार की नाकामियों को सभी मोर्चा प्रभावी तरीके से कैसे आम लोगों के बीच लेकर जायें, इसकी रणनीति बनेगी. बीजेपी युवा मोर्चा कैसे जेपीएससी पीटी परीक्षा में गड़बड़ी, सरकार के 5 लाख नौकरियों के वादे और बेरोजगारी भत्ता समेत युवाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाये, इसकी कार्ययोजना बनेगी. जबकि बीजेपी एसटी मोर्चा को राज्य में एकलव्य स्कूलों को खोलने में आ रही परेशानी और जनजाति समाज की समस्याओं को लेकर गांव-गांव में दस्तक देने का निर्देश दिया जायेगा.
ओबीसी आरक्षण, कृषि ऋण माफी जैसे मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाने की बनेगी रणनीति
ओबीसी मोर्चा पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू करने को लेकर कैसे जोरदार तरीके से अपनी आवाज बुलंद करे, इसकी रणनीति बनेगी. वहीं महिला मोर्चा रूपा तिर्की मौत के मामले, राज्य में महिलाओं पर हुए अत्याचार और बलात्कार के मामलों को लेकर स्थानीय स्तर से प्रदेश स्तर तक कैसे सरकार को कटघरे में खड़ा करे, इस पर मंथन होगा. मोर्चों की संयुक्त बैठक में किसान मोर्चा राज्य में किसानों की स्थिति को लेकर आवाज उठाने की योजना बनायेगा. मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को बंद करने, धान खरीद में गड़बड़ी और कृषि ऋण माफी जैसे मुद्दों को लेकर किसानों के बीच जाने का निर्देश दिया जायेगा. वहीं अल्पसंख्यक मोर्चा राज्य में अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों को जनता के बीच प्रभावी तरीके से ले जाने की योजना बनायेगा.
समन्वय बनाकर काम करने का दिया जायेगा निर्देश
सभी कार्यसमिति की बैठक एक साथ आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि पार्टी की मुख्य कार्यसमिति और मोर्चों के कार्यक्रमों और आंदोलनों में सभी मोर्चों की उचित भागीदारी हो. अलग-अलग मोर्चे अपने-अपने मुद्दों को लेकर आंदोलन करते हैं, जिसमें दूसरे मोर्चों की भागीदारी नहीं के बराबर होती है. सभी मोर्चों को संदेश दिया जायेगा कि कम्युनिकेशन गैप को खत्म करें और दूसरे मोर्चों के आंदोलनों और कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें. इससे आंदोलनों को धार मिलेगी और पार्टी मजबूत होगी.
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