Dehradun : जोशीमठ में लोगों ने पुनर्वास और मुआवजे की मांग को लेकर मंगलवार रात को प्रदर्शन किया. बता दें कि जोशीमठ में भू धंसाव के चलते अब तक 723 घरों में दरारें पड़ चुकी हैं. इन घरों में लाल क्रॉस के निशान लगा दिये गये हैं. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाना है, लेकिन तमाम अपने आशियाने को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. इन लोगों का कहना है कि पहले उन्हें प्रशासन की ओर से पुनर्वास और मुआवजे का आश्वासन मिले, इसके बाद भी वे घर छोड़कर जायेंगे.
#WATCH | Joshimath, Uttarakhand: People break down as they leave their homes that have been marked unsafe by the district administration and vacate the areas affected by the Joshimath land subsidence. pic.twitter.com/hr7ZRHCyZK
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 10, 2023
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बुधवार को मौसम खराब हो गया
जोशीमठ में आज बुधवार को मौसम खराब हो गया. यहां आसमान में घने बादल छाए हुए हैं. ऊपरी पहाड़ी पर बर्फबारी हो रही है. बारिश और बर्फबारी की संभावना ने लोगों के डर को और बढ़ा दिया है. इसी बीच जोशीमठ में बारिश भी शुरू हो गयी है. खराब मौसम के चलते इमारतें गिराने का काम शुरू नहीं हो पाया है.
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उत्तराखंड की धामी सरकार के सामने दोहरी चुनौती
सरकार के इस एक्शन के खिलाफ लोगों में गुस्सा है. बीती रात से स्थानीय लोग धरने पर बैठे हैं. लोगों की मांग है कि पहले मुआवजे और पुनर्वास की बात हो, इसके बाद ही वे घर खाली करेंगे. ऐसे में उत्तराखंड की धामी सरकार के सामने दोहरी चुनौती है कि वह जोशीमठ में तबाही से पहले लोगों को राजी कर सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जा सके
जोशीमठ में प्रशासन बुलडोजर का दस्ता लेकर तैयार है. लेकिन 723 घरों को गिराने के ऑपरेशन के आगे जोशीमठ की जनता खडी हो गयी है. जोशीमठ के लोग अड़ गये हैं. अपना हक मांग रहे हैं. जनता की मांग है कि मुआवजा दो, नये घर की गारंटी दो, तभी आशियाने पर हाथ लगाने देंगे.
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भवन गिराने में बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं होगा
बताया जा रहा है कि प्रशासन होटलों की इमारत गिराने में बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं करेगा. होटलों की इमारतों पर भारी मशीनरी का इस्तेमाल नहीं होगा, ताकि किसी तरह के कोई झटके न लगें. होटल गिराने का काम हथौड़े, ड्रिल मशीन और अन्य ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल किया जायेगा.
आशियाने की कीमत सिर्फ 1.30 लाख रुपए
सुरक्षा को देखते हुए यहां 131 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है. 10 उन परिवारों को जिनके आशियाने पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं, उन्हें 1.30 लाख की दर से राशि दी गयी है. 1.3 लाख रुपये का मुआवजा निकाला गया है, लोगों को ये रास नहीं आ रहा है. कई महिलाएं सड़कों पर बैठी हुई हैं. प्रभावित परिवारों को उनकी आवश्यकतानुसार खाधान्न किट और कंबल वितरित किये गये हैं. कुल 70 खाद्यान्न किट, 70 कम्बल और 570 लीटर दूध प्रभावितों को वितरित किया गया है