गिरिडीह से रांची के लिए दोपहर ढाई बजे चला था 48 सिख समुदाय का जत्था
Hazaribagh : गिरिडीह के गुरुद्वारा से शनिवार की दोपहर करीब ढाई बजे शबद-कीर्तन के साथ शिवशक्ति ट्रैवल्स बस से हंसी-खुशी से शुरू हुआ सफर हजारीबाग स्थित टाटीझरिया के सेवाने नदी पुल के पास पलभर में मौत और मातम में बदल गया. तब घड़ी की सूई सवा पांच बजा रही थीं. सिख समुदाय के जत्थे में शामिल 48 लोगों ने तब सोचा भी नहीं था कि अगले ढाई घंटे में सबकुछ बदल जाएगा. बस में सवार उनमें आठ लोग सदा के लिए बिछुड़ जाएंगे और माहौल चीख और चित्कार में बदल जाएगा. सेवाने नदी पुल के पास बस हादसे के बाद किसी को संभलने तक का मौका नहीं मिला. वहां चीख, चित्कार और कराहने की आवाज सन्नाटे को चीर रही थी. यह कहना था अस्पताल में इलाजरत सरनजीत सिंह का. कोई अपने बच्चे को खोज रहा था, तो कोई अपनी पत्नी को. सबके सब बदहवाश और गंभीर रूप से घायल थे. खुद कुछ करने की स्थिति में नहीं थे, फिर भी अपनों के जाने का गम उनकी कारूणिक और दर्द से लबरेज शब्दों में झलक रहे थे. गुरुद्वारा कमेटी के तनवीर सिंह बताते हैं कि आनन-फानन में घायलों को आरोग्यम, क्षितिज हॉस्पिटल और शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. सभी आठ मृतकों का पोस्टमार्टम कराकर गिरिडीह भेज दिया गया. वहां रविवार की दोपहर तीन बजे सभी का सामूहिक अंतिम संस्कार कर दिया गया. मृतकों में चार पुरुष और चार महिलाएं शामिल है.
मृतकों के नाम
- गिरिडीह मकतपुर के शिवा सिंह (20 वर्ष ), पिता : जीवन सिंह
- गिरिडीह बक्शीडीह के भूपेंद्र सिंह (65), पिता : स्व. बालदेव सिंह
- सुरजीत सिंह (28), पिता : जीन सिंह, मध्यप्रदेश टीआई नगर गुरुद्वारा हाउस
- गिरिडीह मकतपुर की रवीन्दर कौर (60), पति : अजीत सिंह
- झनी कौर उर्फ सलुजा (70), पति : हरवस सिंह सलुजा भंडारीडीह गिरिडीह
- कमलजीत सिंह कौर, पति : अजिंद सिंह चावला, गिरिडीह पंजाबी मुहल्ला
- अमृत पाल सिंह (34), पति : इंद्रजीत सिंह पंजाबी मोहल्ला गिरिडीह
- जगजीत कौर (70), पति : जजबीर सिंह, बरगंडा गिरिडीह
घायलों की सूची : सरनजीत सिंह, विश्वजीत सिंह, परजत सिंह, समीत सिंह, परमजीत सिंह, प्रदीप कौर, जसलीप कौर, सोनू राम (बस का उपचालक), हरजीत कौर, अवलजीत कौर, रंजीत कौर समेत 40 लोग.
कहां कितने घायल हुए भर्ती
रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव तनवीर सिंह ने बताया कि गंभीर रूप से घायल 10 लोग आरोग्यम, 15 लोग क्षितिज और अन्य घायलों को शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. दो लोगों को रांची रेफर किया गया. इनमें एक बस स्टाफ शामिल है. एक बच्चे को मेडिका और गुरुनानक अस्पताल रांची भेजा गया. उन्होंने बताया कि मृतकों में चार पुरुष और चार महिलाएं शामिल थीं.
राष्ट्रपति, पीएम और सीएम ने जताई संवेदना, गुरुद्वारा में अरदास
बस हादसे में मारे गए आठ लोगों की आत्मा की शांति के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम हेमंत सोरेन ने भी शोक संवेदना जताई. वहीं डीसी नैंसी सहाय और एसपी मनोज रतन चोथे ने भी शोक जताया. हजारीबाग गुरुद्वारा में अरदास किया गया. वहीं शोक संवेदना जताकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.
दिगंबर जैन पंचायत ने जताई संवेदना
बस हादसे में मारे गए सिख समुदाय के आठ लोगों के प्रति दिगंबर जैन पंचायत ने शोक संवेदना जताई. आर्यिका 105 श्री प्रतिभा मति माता जी एवं आर्यिका 105 सुयोग मति माताजी के सानिध्य में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई. इसमें समाज के अध्यक्ष धीरेंद्र जैन सेठी, महामंत्री पवन जैन अजमेरा, वर्षा योग के मुख्य संयोजक निर्मल जैन गंगवाल, संयुक्त मंत्री सुबोध सेठी, उपाध्यक्ष अरुण बोहरा, कोषाध्यक्ष सुशील पाटनी, सह मंत्री विनीत छाबड़ा, सह मंत्री पिटू छाबड़ा, निर्मल जैन, कार्यकारिणी सदस्य एवं समाज के लोगों ने दुख प्रकट किया.
हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था से क्षुब्ध दिखे लोग, चलता रहा रेफर का खेल
बस हादसे के बाद घायलों के इलाज के प्रति हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था से लोग क्षुब्ध दिखे. जहां हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा, सदर विधायक मनीष जायसवाल, कोडरमा के पूर्व सांसद रवींद्र राय, डीसी नैंसी सहाय, एसपी मनोज रतन चोथे, कई पत्रकार और आमजन दौड़-भाग करते हुए घायलों की मदद में दिखे, वहीं अस्पताल प्रबंधन सिर्फ रेफर में जुटे रहे. सदर अस्पताल और शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से घायलों को प्राइवेट हॉस्पिटल रेफर करते दिखे. हालांकि इस मामले में सांसद जयंत सिन्हा और सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में व्यवस्था के अनुरूप सौ फीसदी सेवा मिली. जो सुविधाएं यहां नहीं थीं, तो उन्हें रेफर किया गया. सदर विधायक ने अपने वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचवाया. वहीं रात के एक बजे तक घायलों की सेवा में लगे रहे. इस मामले में रेडक्रॉस के सचिव तनवीर सिंह ने कहा कि सरकारी अस्पताल में घायलों को और सेवाएं मिलनी चाहिए थीं.
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