Ranchi : जेपीएससी परीक्षाओं में गड़बड़ी के मामले को लेकर छात्र अपना आंदोलन और तेज करेंगे. 7 दिसंबर को पूरे झारखंड के छात्रों का महाजुटान होगा और राज्यपाल से न्याय की गुहार लगाने के लिए राजभवन के समक्ष महाधरना दिया जायेगा. राज्यपाल महोदय से सातवीं से दसवीं जेपीएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी की निष्पक्ष जांच कराने, पीटी परीक्षाफल रद्द करने के साथ ही दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की जायेगी. महाधरना में झारखंड के 24 जिले से छात्र शामिल होंगे. यह फैसला झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने लिया है. मोरहाबादी बापू वाटिका में शुक्रवार को आंदोलन के 33 वें दिन प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया और यह जानकारी दी गयी. बताया गया कि आंदोलन का स्वरूप बदलते हुए मुख्यमंत्री और राज्यपाल महोदय का ध्यान आकृष्ट कराने और छात्रहित में गड़बड़ी की जांच कराकर इस परीक्षा को रद्द करके फिर से निष्पक्ष, पारदर्शिता और नियमावली के तहत परीक्षा आयोजित कराने की मांग की जायेगी.
हजारीबाग जिला में प्रश्नपत्र लीक हुआ था
मौके पर मौजूद छात्र नेता देवेन्द्र नाथ महतो, मनोज यादव ने कहा कि 19 सितंबर को आयोजित सातवीं से दसवीं परीक्षा की द्वितीय पाली की परीक्षा से पूर्व हजारीबाग जिला में प्रश्नपत्र लीक हुआ था, जिसका हमारे पास पुख्ता सबूत है. इसी का परिणाम है कि पीटी परीक्षाफल में सफल होनेवाले 4293 छात्रों में से सिर्फ हजारीबाग जिला से लगभग 700 सफल हुए हैं. यह गंभीर मामला है. इसकी जांच होना चाहिए. साथ ही हमलोग दावे के साथ कह सकते हैं कि लोहरदगा और साहेबगंज जिला में लगातार क्रमवार पास करने वाले अभ्यार्थियों का ओएमआर सीट जेपीएससी से गुम हो गया है. इसीलिए बिना कॉपी जांच किये ही सबको पास कर दिया गया है. यही वजह है कि झारखंड गजट कंडिका 30 में वेबसाइट में OMR अपलोड करने के नियम स्पष्ट उल्लेख के बावजूद परीक्षाफल के 33 दिन बीतने बाद भी आयोग OMR शीट अपलोड करने में असक्षम है.
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जेपीएससी कई मामलों में जवाब देने में असमर्थ
कहा कि आदिम जनजाति का एक अभ्यर्थी 224 अंक लाकर फेल है, जबकि कट ऑफ 220 है. इससे पूर्व आयोग को सौंपा गया ओबीसी वर्ग वन का कट ऑफ 252 है, फिर भी कैसे 230 अंक वाला पास कर गया है. इसका जवाब आजतक आयोग नहीं दे पाया है, जबकि हर कैटेगरी के अनेक छात्र हैं जो कट ऑफ से ज्यादा अंक लाकर फेल हैं. जेपीएससी इसका भी जवाब देने में असमर्थ है. इस तरह की अनेक गड़बड़ी हुई है. सेटिंग- गेटिंग का ही परिणाम है कि छठी जेपीएससी से सातवीं जेपीएससी का कट ऑफ में 54 अंक का उछाल हुआ है.
गलती छुपाने के लिए रिजेक्शन लिस्ट जारी नहीं कर रहा
इसी के साथ देवेन्द्र नाथ ने कहा कि जेपीएससी अपनी गलती छुपाने के लिए रिजेक्शन लिस्ट तथा आदिम जनजाति कोटा, स्पोर्ट्स कोटा और दिव्यांग कोटा में किसका क्या रिजल्ट है, जारी नहीं कर रहा है. झारखंड सरकार नियुक्ति नियमावली के गजट 17.2 में सिंगल कट ऑफ का स्पष्ट उल्लेख है, फिर भी उसका पालन नहीं किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि बहुत ज्यादा गड़बड़ी की गयी है. इसके बावजूद आयोग ने परीक्षा रद्द करने के बजाय मेंस परीक्षा की तिथि 28 से 30 जनवरी घोषित कर दी है.
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