Vinit Upadhyay
Ranchi : JPSC द्वारा ली गयी आवासीय मैट्रिक शिक्षक परीक्षा में कैसी धांधली हुई और इस धांधली में कौन कौन शामिल थे, इस बात का खुलासा वहां पदस्थापित रह चुके एक कर्मचारी ने किया है. रांची सीबीआई के विशेष न्यायालय में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले की सुनवाई शुक्रवार को हुई. सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जेपी शर्मा के कोर्ट में सीबीआई ने अपना गवाह प्रस्तुत किया. सीबीआई की ओर से JPSC के तत्कालीन सेक्शन ऑफिसर महेश्वर पासवान को गवाह के रूप में प्रस्तुत किया गया. उनका बयान न्यायालय के समक्ष कलमबद्ध हुआ. महेश्वर पासवान ने न्यायालय में अपनी गवाही के दौरान कल्याण विभाग में आवासीय मैट्रिक शिक्षक परीक्षा से संबंधित फाइल की पहचान की. इसके साथ ही उन्होंने JPSC के अधिकारियों एवं NCCF के प्रतिनिधि के हस्ताक्षर और हस्तलिपि की पहचान कोर्ट के समक्ष की.
प्रारूप को बिना विभागीय अनुमति के संशोधित किया था
कोर्ट में गवाही के दौरान JPSC के तत्कालीन सेक्शन ऑफिसर महेश्वर पासवान ने अदालत को बताया कि शिक्षक भर्ती विज्ञापन के प्रारूप को बिना विभागीय अनुमति के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, तत्कालीन सदस्य राधा गोविंद नागेश और गोपाल सिंह ने संशोधित किया था. शिक्षक भर्ती से जुड़े इस मामले की जांच सीबीआई ने की है. जिसका केस नंबर आरसी 6/ 13 है. फ़िलहाल यह केस गवाही के स्टेज पर है और सीबीआई एक- एक कर न्यायालय में अपने गवाह प्रस्तुत कर रही है.
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