Dhanbad : जज उत्तम आनंद हत्याकांड में बचाव पक्ष के वकील कुमार अमलेंदु ने कहा है कि आरोपियों पर हत्या का आरोप न्यायसंगत नहीं है. वे इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. एक ऑटो ड्राइवर का जज के साथ क्या कनेक्शन हो सकता है, वह जज की हत्या क्यों करेगा? इसे नजरअंदाज कर फैसला सुनाया गया है. वे इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे. कुमार अमलेंदु ने फैसले के तत्काल बाद लगातार से यह बात कही.
उम्रकैद या फांसी ?
सीबीआई वकील अमित जिंदल ने लगातार को बताया कि जज ने ऑटो ड्राइवर और उसके एक सहयोगी को 302 का दोषी माना है. दोनों, जज की हत्या करने और साक्ष्य मिटाने के दोषी पाए गए हैं. इन्हें उम्रकैद या फांसी होगी. इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत में मामले की सुनवाई 3:45 बजे शुरू हुई. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक ने साक्ष्यों को पढ़ा, दोनों आरोपियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया. शाम 4: 40 पर फैसला सुनाया.
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