Ranchi : न तो पीटने वाला सीना फुला कर ऐलान कर रहा कि हमने पीट दिया. न ही पिटाने वाला कह रहा कि क्या बतायें दर्द कहां-कहां है. पर, शोर हर जगह है कि वो पिटा गया. न पीटने का दंभ, ना पिटाने की कोई तकलीफ. बहुतों ने देखा. पर, पूछने पर कहेंगे, कुछ नहीं देखा. हां चटखारे लेकर चर्चा जरूर करते हैं देखने वाले. वो भी डिटेल में.
कौन पिटा गया? पी. ये क्या बला है भाई. जवाब यह है कि झारखंड में तीन ही तो है. एक पी, दूजा ए स्क्वायर और तीजा पी स्क्वायर. बिल्कुल साये की तरह. जगने से लेकर सोने तक. चिपका रहने वाला. पर, साया तो काला होता है. ये एलइडी वाली छाया हैं.
कहां पिटा गया ? वहीं वो वाले कैंपस में. जहां सबका खूंटा गड़ा है. जहां हरियाली बहुत है. जहां की सड़कें चौड़ी हैं. हर वक्त मेला-ठेला भी लगा ही रहता है. वहीं पिटा गया.
किसने पीट दिया ? भाई ने. अब ये क्या जवाब है. भाई तो बहुत सारे हैं. मुंबई टाईप वालों की संख्या तो बहुत है ही. बाकी हर किसी का कोई न कोई भाई होता ही है. पर, यह भाई बड़ा तेवर वाला है. इसलिए कह रहे हैं कि ज्यादा विचार मत करिये. बस इतना समझिये कि उसने पीट दिया और वह पिटा गया.
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