Kandra : जिस केंद्र में बैठकर पंचायत के विकास के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं और क्षेत्र में विकास करने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, वहीं केंद्र स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सरकारी महकमे की उदासीनता और लापरवाही का शिकार होकर आज स्वयं अपने विकास की बाट जोह रहा है. स्थिति यह है कि पंचायत सचिवालय में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था पूरी तरह रामभरोसे है. पंचायत सचिवालय में पूर्व में एक सोलर लाइट लगाई गई थी लेकिन बहुत दिनो से उसकी बैटरी पूरी तरह खराब हो गई है. पंचायत कार्यालय में एक जनरेटर भी है लेकिन वर्षों से जनरेटर खराब पड़ा हुआ है. इसे ठीक कराने के लिए कभी किसी जनप्रतिनिधि या सरकारी महकमे ने दिलचस्पी नहीं ली, इससे वर्तमान में यह भी अनुपयोगी बनकर रह गया है.
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पंचायत भवन में व्यवसायिक प्रशिक्षण भी आयोजित होते है
इसकी शिकायत कई बार स्थानीय मुखिया और प्रशासनिक अधिकारियों से की गई लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया. नवनिर्वाचित वार्ड सदस्यों की माने तो पंचायत भवन में पंजाब नेशनल बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र भी संचालित है . इसके अलावे कई तरह के अल्पकालीन व्यवसायिक प्रशिक्षण आदि भी सरकारी व निजी संस्थानों द्वारा समय-समय पर आयोजित होते रहे हैं.
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कोरोना कॉल में टीकाकरण का प्रमुख केंद्र था
कोरोना कॉल में तो यह एक बड़ी आबादी के लिए टीकाकरण का प्रमुख केंद्र भी रहा था. मगर बिजली गुल होने के बाद यहां वैकल्पिक विद्युत आपूर्ति बहाल करने के तमाम उपकरण होने के बावजूद भी बिजली की कमी से आम लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ती है. पंचायत के लोगों के लिए तो पंचायत सचिवालय में विद्युत आपूर्ति की यह लचर व्यवस्था उपहास का विषय बन गई है. लोगों का कहना है कि जब स्वयं पंचायत सचिवालय की दशा ऐसी है तो ऐसे में कांड्रा पंचायत में विकास के दावों पर कितना भरोसा किया जा सकता है.