Varanasi : काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद में आज शनिवार को दूसरे दिन सर्वे कार्य शुरू किया गया. जानकारी के अनुसार हरिशंकर जैन और विष्णु जैन ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में दाखिल हो गये हैं. इनके साथ वीडियोग्राफर और फोटोग्राफर भी हैं. मौके पर भारी सुरक्षाबल तैनात हैं पेट्रोलिंग की जा रही है. बता दें कि प्रतिवादी अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी द्वारा कोर्ट कमिश्नर को हटाने की मांग वाला प्रार्थना पत्र सिविल जज सीनियर डिविजन के कोर्ट में पेश किया गया. मुस्लिम पक्ष का आरोप है कि कोर्ट कमिश्नर पक्षपात कर रहे हैं. प्रार्थना पत्र में मांग की गयी है कि कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाकर न्यायालय स्वयं या उनकी जगह किसी दूसरे वरिष्ठ वकील को वकील कमिश्नर नियुक्त करे
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सर्वे कार्य कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में जारी रहेगा
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से दिये गये प्रार्थना पत्र पर सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में हुई. उन्होंने इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तिथि 9 मई तय की है. तब तक सर्वे कार्य कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में जारी रहेगा. बता दें, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे को देखते हुए पुलिस फोर्स और पीएसी को तैनात किया गया है. एडवोकेट कमिश्नर की टीम श्रीकाशी विश्वनाथ धाम और ज्ञानवापी परिसर में पहुंच गयी है. प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि सूर्यास्त के बाद वकील कमिश्नर मस्जिद के अंदर जाने की जिद कर रहे थे, जबकि ऐसा कोई आदेश न्यायालय ने नहीं दिया है.
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सर्वे वाराणसी के सीनियर जज डिविजन के आदेश पर हो रहा है
बता दें कि सर्वे वाराणसी के सीनियर जज डिविजन के आदेश पर हो रहा है. शुक्रवार को जब सर्वे करने के लिए टीम यहां पहुंची थी तो दोनों पक्षों की ओर से जमकर नारेबाजी की गयी थी. काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में आज भी वीडियोग्राफी होनी है. वाराणसी के काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत कई विग्रहों के सर्वे को लेकर हंगामा मचा हुआ है. जब से सर्वे की कार्रवाई शुरू हुई है, तब से विरोध प्रदर्शन जारी है. इस कार्रवाई को जहां AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कानून का उल्लंघन करने वाला बताया. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट कमिश्नर पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की.
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ज्ञानवापी शब्द कोई उर्दू का शब्द नहीं है
केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि मस्जिद परिसर में भी सर्वे होना चाहिए. किसी को उस पर शक नहीं करना चाहिए. साथ ही कहा कि जब सर्वे किया जा रहा है, तो परिसर में सर्वे क्यों नहीं होगा. वैसे भी ज्ञानवापी शब्द कोई उर्दू का शब्द नहीं है. यह मंदिर है या मस्जिद के फैसला अदालत करेगी.
अगली सुनवाई 10 मई को
वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक के जज रवि कुमार दिवाकर ने अपने पुराने 18 अगस्त का आदेश दोहराया था. जज ने 8 अप्रैल को कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को नियुक्त करते हुए कमीशन और वीडियोग्राफी की कार्रवाई करने की फिर से अनुमति दे दी थी. इसके बाद प्रतिवादियों में से वाराणसी जिला प्रशासन और कमिश्नरेट पुलिस ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कार्रवाई को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था और मस्जिद में मुस्लिमों और सुरक्षाकर्मियों के ही जाने की दलील दी थी. कोर्ट ने सुनवाई के बाद दलील को खारिज करते हुए अपने पुराने आदेश के जारी रखते हुए ईद के बाद कमीशन और वीडियोग्राफी की कार्रवाई करके 10 मई के पहले तक रिपोर्ट मांगी है . सुनवाई की तारीख भी 10 मई है.