- सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शिक्षा मंत्रालय का निर्देश
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार किए गए नए ढांचे को अपनाने के लिए कहा
New Delhi : शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहली कक्षा में प्रवेश के लिए न्यूनतम उम्र छह साल तय करने का निर्देश दिया है. स्कूली शिक्षा में एकरूपता के लिहाज से केंद्र ने बुधवार को यह निर्देश जारी किया. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार, मूलभूत चरण में सभी बच्चों (3 से 8 वर्ष के बीच) के लिए पांच साल के सीखने के अवसर शामिल हैं, जिसमें तीन साल की प्री स्कूल एजुकेशन और फिर कक्षा 1 और 2 शामिल हैं. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार किए गए स्कूली शिक्षा के नए ढांचे को भी अपनाने के लिए कहा है. नया शैक्षणिक सत्र अप्रैल से शुरू होने वाला है. नीति के पहले स्कूली शिक्षा को 10 प्लस 2 के ढांचे से निकालकर 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 में तब्दील किया गया है. इस ढांचे के शुरू के पांच साल को बुनियादी स्तर ( फाउंडेशनल स्टेज) नाम दिया गया है.
बच्चों के निर्बाध सीखने और विकास को बढ़ावा
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिक्षा नीति प्री-स्कूल से कक्षा 2 तक के बच्चों के निर्बाध सीखने और विकास को बढ़ावा देती है. यह केवल आंगनवाड़ियों या सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और एनजीओ में पढ़ने वाले सभी बच्चों के लिए तीन साल की गुणवत्तापूर्ण प्री-स्कूल शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करके ही किया जा सकता है. मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे प्रवेश के लिए छात्र की आयु सीमा को नई शिक्षा नीति के अनुरूप तय करें. बच्चे को छह वर्ष या उससे अधिक की आयु में कक्षा 1 में प्रवेश प्रदान करें.
दाखिले की उम्र राज्यों में अलग होना बड़ी विसंगति
मंत्रालय का मानना है कि पहली कक्षा में दाखिले की उम्र राज्यों में अलग होना स्कूली शिक्षा की एक बड़ी विसंगति है, जिसका खमियाजा बच्चों को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होने या फिर प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के दौरान उठाना पड़ता है. शिक्षा मंत्रालय ने पिछले साल ही पहली कक्षा में दाखिले की उम्र को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद इस संबंध में निर्देश जारी किए थे. इसमें सभी राज्यों से पहली कक्षा में दाखिले की उम्र न्यूनतम छह वर्ष रखने को कहा था. साथ ही बताया था कि उत्तर प्रदेश, बिहार सहित देश के करीब 22 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में पहले से ही पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम उम्र छह वर्ष है, जबकि गुजरात, दिल्ली व केरल सहित करीब 14 राज्यों में यह पांच से साढ़े पांच वर्ष है.
प्ले स्कूल के लिए राज्य शुरू करें डिप्लोमा कोर्स
स्कूली शिक्षा में प्ले स्कूल के शामिल होने के साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश भी दिया है कि वह अपने यहां प्ले स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करें. इसे लेकर वह राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ( एससीईआरटी) और डायट ( जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान) के जरिए दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरू करने का सुझाव दिया है. मौजूदा समय में स्कूलों में प्ले स्कूल के स्तर पर पढ़ाने के लिए कोई प्रशिक्षण कोर्स नहीं संचालित होता है.
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