New Delhi : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज शुक्रवार को चुनावी बॉन्ड योजना को घोटाला करार देते हुए कहा कि इस मामले में एसआईटी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक यह जांच पूरी हो, तब तक के लिए भाजपा के बैंक खाते के लेनदेन पर रोक लगा देनी चाहिए. उन्होंने कहा, भाजपा ने चुनावी बॉन्ड से कई हजार करोड़ रुपये की रकम जुटा ली. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
PM Modi says “ना खाऊँगा ना खाने दूँगा”, but it seems that he only meant —“सिर्फ़ भाजपा को खिलाऊँगा”
The data released by State Bank of India, shows that out of the total Electoral Bonds money collected, BJP got nearly 50% donation. While the principal opposition party, Indian…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) March 15, 2024
Donors of Electoral Bonds
Quid pro quo is evident !Quizz :
Who had said :
“Na khaunga na khane dunga” ?
— Kapil Sibal (@KapilSibal) March 15, 2024
खड़गे ने कहा, कांग्रेस को तो चंदा मिला था, लेकिन हमारे बैंक खाते के लेनदेन पर रोक लगा दी गयी. उन्होंने कहा कि यदि विपक्षी पार्टी के बैंक खाते के लेनदेन पर रोक लगी हो तो हम चुनाव कैसे लड़ेंगे, समान अवसर कहां हैय इस तरह के चुनाव में हमारे लिए समान अवसर की स्थिति नहीं है.
यह उजागर हो गया है कि भाजपा ने चुनावी बॉन्ड से पैसा बनाया
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा, अब यह उजागर हो गया है कि भाजपा ने चुनावी बॉन्ड से पैसा बनाया. इससे पहले भी मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि कांग्रेस के पास तो चुनाव लड़ने के लिए भी फंड नहीं है. उन्होंने कहा था, कांग्रस के पास लोगों द्वारा दिया गया चंदा जिन बैंक खातों में जमा किया गया था, उन पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है तथा आयकर विभाग ने पार्टी पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया है. खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए लोगों का आह्वान किया कि वे देश में संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर मजबूती से खड़े होकर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करें.
सिब्बल ने भी चुनावी बॉन्ड योजना को घोटाला करार दिया
राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने भी चुनावी बॉन्ड योजना को घोटाला बताया. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए अदालत द्वारा नियुक्त अधिकारियों का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया जाये. चुनावी बॉन्ड के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर मामले में याचिकाकर्ताओं की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप भी लगाया कि यह योजना गैरकानूनी थी. इसका उद्देश्य एक राजनीतिक दल को इस तरह से समृद्ध करना था कि कोई भी अन्य राजनीतिक दल उसका मुकाबला नहीं कर सके.
जांच होनी चाहिए कि किस राजनीतिक दल को कितना चंदा मिला
उनकी यह टिप्पणी निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावी बॉन्ड के आंकड़े सार्वजनिक किये जाने के एक दिन बाद आयी है. सिब्बल ने कहा, ‘इस योजना को पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुरू किया था. उन्होंने सोचा था कि इस तरह से कोई भी राजनीतिक दल हमसे (भाजपा) मुकाबला नहीं कर पायेगा. वह सही साबित हुए. राज्यसभा सदस्य ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि किस राजनीतिक दल को कितना चंदा मिला. उन्होंने कहा, ‘सवाल यह है कि बांड किसके पास गये? उन्होंने कहा कि जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया जाए और इसमें अदालत द्वारा नियुक्त स्वतंत्र अधिकारी हों.