Kharsawan : गुरुकुल में महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की पुण्यतिथि मनाई गई. मौके पर गुरुकुल के निदेशक गजेंद्र नाथ चौहान ने कहा कि रामानुजन बाल्य-काल से ही कुशाग्र बुद्धि के थे. गणित में विशेष रूचि रखने वाले विद्यार्थी थे. रामानुजन ने कम उम्र में ही गणित के क्षेत्र में जो योगदान दिया वह अभूतपूर्व है. उन्होंने कहा कि आचार्य रामानुजन का जीवन हमें सीखने को मिलता है की कभी भी जीवन में हार नहीं मानो और लगातार अपने काम में जुटे रहो. एक दिन सफलता जरूर मिलेगी. विशुद्ध गणित में रामानुजन की गहरी रुचि थी. उनका मानना था कि गणित में कोई खोज करना ईश्वर की खोज करने जैसा है. भारत की गणित के क्षेत्र में बहुत बड़ी और गौरवशाली परंपरा है. जिसे प्रोत्साहित करने की जरूरत है.

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ऐसी प्रतिभाओं की पहचान करने की
उस परंपरा के प्रति स्वाभिमान जागृत करने और नई पीढ़ी को उससे परिचित कराने की जरूरत है. आज भी भारत में रामानुजन जैसी प्रतिभाओं की कमी नहीं है. हमें जरूरत है ऐसी प्रतिभाओं की पहचान करने की. प्रो. हार्डी और उच्च संस्थानों की, जो गरीबी और विपरीत परिस्थितियों से निकले किसी रामानुजन जैसी प्रतिभा को हतोत्साहित न होने दें. ऐसा संकल्प करना ही उस महान गणितज्ञ को सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है.