Saraikela/Kharsawan : उत्कल सम्मेलनी के सरायकेला-खरसावां जिला समिति ने शुक्रवार को चक्रधरपुर के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) को ज्ञापन सौंपा. इसमें सरायकेला-खरसावां जिला के विभिन्न रेलवे स्टेशनों में स्टेशन का नाम ओड़िया भाषा में लिखने की मांग की गई है. ज्ञापन में कहा गया है कि राजखरसावां, आदित्यपुर, बीरबांस, सीनी व गम्हरिया के रेलवे स्टेशन पर देश की आजादी के बाद से ही स्टेशन का नाम हिंदी, अंग्रेजी व ओड़िया भाषा में लिखा हुआ है. परंतु हाल के दिनों में सुनियोजित षड्यंत्र के तहत इन रेलवे स्टेशनों के शिलापट्ट पर ओड़िया भाषा में लिखे स्टेशन के नाम को मिटा दिया गया है. इससे ओड़िया भाषी जनता मर्माहत है.
ओड़िया भाषा की हो रही है उपेक्षा
ज्ञापन में कहा गया है कि ओड़िया भाषा को झारखंड सरकार ने द्वितीय राजभाषा की मान्यता दी है. भारत सरकार की ओर से भी ओड़िया भाषा को शास्त्रीय भाषा की मान्यता दी गई है. ज्ञापन में चक्रधरपुर के मंडल रेल प्रबंधक से जल्द से जल्द रेलवे स्टेशनों में स्टेशन का नाम हिंदी, अंग्रेजी व ओड़िया भाषा में लिखने की मांग की गई है. ज्ञापन सौंपने वालों में उत्कल सम्मेलनी के जिलाध्यक्ष हरिश चंद्र आचार्य, जिला महासचिव सुशील षाड़ंगी, नंदु कुमार पांडेय, रेलवे में सांसद प्रतिनिधि जगत किशोर प्रधान, ओड़िया सामाजिक कार्यकर्ता सरोज प्रधान, पूर्णेन्दु नंदा, अजय प्रधान आदि शामिल हैं.
रेल मंत्री को भी भेजी गयी ज्ञापन की प्रतिलिपि
उत्कल सम्मेलनी के सरायकेला-खरसावां जिला समिति ने चक्रधरपुर के मंडल रेल प्रबंधक को सौंपे गये ज्ञापन की प्रतिलिपि केंद्रीय रेल मंत्री व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को भी ई-मेल से भेजा है. ज्ञापन की प्रतिलिपि सांसद गीता कोड़ा, राज्य के जनजातीय कल्याण मंत्री चंपई सोरेन व खरसावां विधायक दशरथ गागराई को भेजी गई है.