Kiriburu (Shailesh Singh) : केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु में परीक्षा के आखिरी दिन छुट्टी के बाद छात्र-छात्राओं ने खेली होली. होली खेलने में छात्रायें आगे नजर आयी. उल्लेखनीय है कि आज परीक्षा का आखिरी दिन था. अब स्कूल एक अप्रैल को खुलेगा. इस बीच होली का त्योहार है.
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होली में बच्चे एक-दूसरे से मिल रंग-गुलाल शायद नहीं लगा पाये, इसलिये आज परीक्षा खत्म होने के बाद विद्यालय के गेट से बाहर निकलते हीं बच्चे अपने स्कूल बैग से गुलाल निकाल एक-दूसरे का चेहरा रंगते नजर आये. इस नजारे को देख बच्चों के अभिभावक भी उत्साहित व खुश नजर आये.
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उड़िया समुदाय ने विश्व पखाल दिवस के अवसर पर पखाल खाये
- गर्मियों से राहत हेतु खाया जाता है पखाल
Kiriburu (Shailesh Singh) : ओड़िया समुदाय के लोगों ने 20 मार्च को ओडिशा के मुख्य खाद्य पदार्थों में से एक पखाल के स्वाद को देश भर में पहुंचाने के लिए विश्व पखाल दिवस मनाया. पिज्जा, बर्गर जैसे आधुनिक खाद्य पदार्थों के जमाने में पारंपरिक भोजन की संस्कृति को बचाए रखने के लिए ओडि़या समुदाय ने आज पखाल दिवस मनाया. इसकी शुरुआत 2015 में राज्य के लोगों ने अपने पारंपरिक भोजन को दुनिया भर में पहुंचाने के उद्देश्य से की थी.
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पके हुए चावल को पानी में फिर से भिगो कर इसे फर्मेंटेशन) के लिए छोड़ दिया जाता है, इस विधि से तैयार व्यंजन को पखाल (चावल का पानी) कहते हैं. पखाल गर्मियों के समय खाया जाने वाला ओडिशा का मुख्य भोजन है. इस भोजन का इस्तेमाल भीषण गर्मी से राहत पाने हेतु किया जाता है.
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आज ओड़िया समुदाय के लोग पखाल, दही और साग बनाकर भगवान जगन्नाथ को पहले भोग लगाये. इसके बाद अपने घरों में आज पखाल के साथ बडी़, भुजिया, मछली, साग व विभिन्न प्रकार के अन्य व्यंजन बनाकर खाये. गर्मी के प्रारम्भ से लेकर समाप्ति तक यह समुदाय लगभग प्रतिदिन पखाल का इस्तेमाल खाने में करते हैं.