Kiriburu (Shailesh Singh) : सीआईएसएफ की किरीबुरु-मेघाहातुबुरु इकाई के उप समादेष्टा धर्मेन्द्र सिंह चाहर के निर्देशानुसार सीआईएसएफ के इंस्पेक्टर रुपेश लकाक्वार, इंस्पेक्टर यू के दास के नेतृत्व में सीआईएसएफ की बल सदस्यों ने प्राकृतिक आपदाओं व तमाम प्रकार की दुर्घटनाओं के दौरान लोगों की जान-माल की तत्काल रक्षा कैसे की जाये, उसकी जानकारी मौकड्रील कर केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु के छात्र-छात्राओं व शिक्षक-शिक्षिकाओं को दी. इस मॉक ड्रिल के दौरान प्राकृतिक आपदा व दुर्घटना की स्थिति में कैसे मैनेज करते हुए गंभीर रूप से घायल लोगों को प्राथमिक उपचार देना है उसकी जानकारी दुर्घटना का काल्पनिक सीन क्रियेट कर बताया गया.
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मॉक ड्रिल में दी गई विशेष जानकारी
इस मॉक ड्रिल के दौरान विशेष जानकारी यह दी गयी की अगर किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान कोई व्यक्ति अगर मृत स्थिति में दिखाई दे तो उसकी जीवन बचाने हेतु सीपीआर कैसे देना है. उसकी विशेष जानकारी देते हुए बताया गया की दुर्घटना के शिकार व्यक्ति का दोनों फेफड़ों के बीच का हिस्सा जहां समाप्त होता है उससे दो अंगुली उपर में दोनों हथेली को आपस में जोड़ कर काफी तेज गति से दो मिनट के अन्दर तीस बार चेस्ट कम्प्रेशन करना है. प्राकृतिक आपदा व दुर्घटना के दौरान सबसे गंभीर रुप से घायल को बचाने में प्राथमिकता देनी चाहिये. जिनका शरीर का अंग फ्रैक्चर हुआ है उसे कैसे उठाना है आदि अनेक जानकारी दी गई. डिजास्टर आने के पहले हीं उससे बचाव हेतु हमें तमाम प्रकार की तैयारियां कर लेनी होती है, ताकि मैन और मैटेरियल का नुकसान कम हो सके.
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सीआईएसएफ के मॉक ड्रील में सैकड़ों छात्र-छात्राएं हुए शामिल
डिजास्टर आने से पहले क्या तैयारी रखनी है तथा आने के बाद क्या और कैसे विभिन्न स्टेक होल्डरों के बीच कोऑर्डिनेशन बनाकर रिस्पांस करना है, उसकी जानकारी दी गई. सीआईएसएफ के इस मॉक ड्रील को सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने देखा जिसका लाभ आपात स्थिति में मिलेगी. कार्यक्रम के दौरान सीआईएसएफ के सब इंस्पेक्टर देवेन्द्र देवत, छोटेलाल प्रसाद, चांदवीर सिंह, ए के जयसवाल, मृणाल रॉय, सी के यादव, संजीव बर्मन के अलावे शिक्षक-शिक्षिकाओं में प्रभारी प्राचार्य ईरा तिर्की, कुमार राघवेन्द्र, ब्रिजेश कुमार, गणेश कुमार, डॉ. सीताराम शुभम के अलावे दर्जनों बच्चे मौजूद थे.