Kiriburu (Shailesh Singh) : कोल्हान जंगल में नक्सलियों के खिलाफ निरंतर लोहा लेते हुये अपनी जान जोखिम में डालने वाले सीआरपीएफ की जी-197 बटालियन एवं कोबरा की 203 बटालियन के पदाधिकारियों व जवानों का मानवीय कार्य चर्चा में बना हुआ है. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार 25 नवम्बर को घोर नक्सल प्रभावित टोंटो थाना अन्तर्गत पतातोरोब गांव निवासी 17 वर्षीय युवती नामसी बहंदा, पिता लेबेया बहंदा अपने घर पर आग से बुरी तरह से झुलस गई थी. इस घटना की सूचना ग्रामीणों द्वारा तुम्बाहाका कैंप में सीआरपीएफ की जी-197 बटालियन व कोबरा-203 बटालियन के पदाधिकारियों को दी गई.
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सीआरपीएफ व कोबरा के जवानों ने अपनी जान की परवाह किये बगैर उक्त क्षेत्र के जंगलों में पग-पग पर नक्सलियों द्वारा लगाये गये संभावित आईईडी को पार करते हुये घायल युवती को अपनी कैंप में लाया. कैंप में कोबरा 203 बटालियन के चिकित्सक ने युवती का प्राथमिक इलाज कर उसे सदर अस्पताल चाईबासा के लिये भेजा. बताया जा रहा है कि युवती का हाथ बुरी तरह से जल गया है एवं जलने की वजह से उसकी उंगली व अन्य हिस्सा आपस में सट गया है.
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उल्लेखनीय है कि यह वही क्षेत्र है जहां भाकपा माओवादी नक्सली पूरे क्षेत्र में बारुदी सुरंग, आईईडी व बूबी ट्रैप लगा रखे हैं. इस क्षेत्र में एक-एक कदम पर मौत का साया मंडराता है. नक्सलियों के भय से ग्रामीण सीआरपीएफ व पुलिस को भी आईईडी लगे जगहों की जानकारी नहीं देते हैं, लेकिन आज सीआरपीएफ व कोबरा के जवान अपनी जान को जोखिम में डाल विकट परिस्थिति में भी ग्रामीणों की जान निरंतर बचा रहे हैं.