Kiriburu : बस बंद होने से 100 गरीब आदिवासी विद्यार्थी नहीं जा पा रहे हैं स्कूल, शीर्षक से लगातार न्यूज में खबर छपने के बाद चाईबासा के उपायुक्त ने इसे गंभीरता से लिया. उपायुक्त के आदेश पर नोवामुंडी के अंचलाधिकारी सुनील चन्द्रा ने सेल की किरीबुरु प्रबंधन से बात कर अविलम्ब सारंडा के दर्जनों गांवों के ग्रामीण बच्चों को स्कूल आने-जाने के लिए बस उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. इस संबंध में किरीबुरु खदान के वरिष्ठ प्रबंधक रमेश सिन्हा ने कहा कि यह सही है कि अंचलाधिकारी का आदेश आया है. हमलोग भी इस समस्या के समाधान में लगे हैं, ताकि बच्चों की शिक्षा प्रभावित नहीं हो. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि 28 फरवरी से स्कूल बस सेवा बहाल कर दी जायेगी, ताकि बच्चे स्कूल पढ़ने जा सकेंगे. उल्लेखनीय है कि सारंडा के लगभग एक दर्जन सुदूरवर्ती गांवों के लगभग 100 बच्चे किरीबुरु-मेघाहातुबुरु के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने आते हैं.
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इन बच्चों को गांव से स्कूल तक लाने और ले जाने के लिये दो स्कूल बस की व्यवस्था सीएसआर के तहत सेल की किरीबुरु प्रबंधन ने की थी. कोरोना के दौरान स्कूल बंद होने की वजह से बस नहीं चलने के कारण सेल प्रबंधन ने बस के संचालक को पैसे का भुगतान नहीं किया. इस कारण बस संचालक ने बस चलाना बंद कर दिया. चार फरवरी से सभी स्कूल खुलने के बाद बस गांवों में नहीं गई तो बच्चे व अभिभावकों का आक्रोश बढ़ने लगा, क्योंकि उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही थी. भविष्य में बोर्ड की परीक्षा भी है. इस बीच बस संचालक ने कहा था कि सेल प्रबंधन ने एक साल के लिये निविदा पर बस ली है. वह बस खड़ी रखें या चलायें लेकिन पैसा पूरे एक वर्ष का देना है. इसी विवाद का समाधान के लिए सेल प्रबंधन बस संचालक से बातचीत के प्रयास में लगी है.