- नदी का लाल पानी पीने को मजबूर लोग, ग्रामीणों में भारी आक्रोश
Kiriburu (Shailesh Singh) : सारंडा स्थित छोटानागरा पंचायत क्षेत्र के तमाम नदी-नाले एक तरफ खदानों से आने वाली लाल पानी व मिट्टी की वजह से पूरी तरह से प्रदूषित हो चुके हैं. इसका पानी किसी भी प्रयोग लायक नहीं है. दूसरी ओर छोटानागरा पंचायत के तमाम 10 गांवों में बाईहातु जलमीनार से होने वाली पेय जलापूर्ति पिछले 20 दिनों से लगभग पूरी तरह से ठप है. इससे ग्रामीणों के सामने शुद्ध पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है. ग्रामीण नदी-नाला का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. छोटानागरा पंचायत की महिलाएं व ग्रामीणों ने कहा कि बाईहातु गांव स्थित आसन्न जलापूर्ति योजना का संचालन चाईबासा के ठेकेदार द्वारा किया जाता है. ठेकेदार ने स्थानीय दो युवकों को पंप व मोटर चलाने से लेकर पेयजल आपूर्ति के लिए रखा है. ठेकेदार इस जलापूर्ति प्लांट की देखरेख हेतु नहीं आता है. वहीं यहां रखे गये दोनों स्टाफ निरंतर गायब रहते हैं. काम में लापरवाही बरतते हैं. इससे यह समस्या उत्पन्न हो गई है.
इसे भी पढ़ें : Kiriburu : सप्लाई पानी में तैलीय पदार्थ होने से सेलकर्मी परेशान
बाईहातु पानी फिल्टर प्लांट का स्टाफ बोमर चाम्पिया ने बताया कि यह सही है कि पिछले 15-20 दिनों के दौरान 3-4 दिन ही पानी की आपूर्ति की गई है. इसकी मुख्य वजह बिजली व मोटर की समस्या है. मोटर ठीक करते हैं तो बिजली का जम्फर कट जाता है और जम्फर ठीक होता है तो मोटर में खराबी आ जाती है. ग्रामीणों की शिकायत जायज है.
इसे भी पढ़ें : Jadugoda : बाबू लाल सोरेन ने कार्यालय में सुनीं समस्याएं
छोटानागरा पंचायत की मुखिया मुन्नी देवगम, सारंडा पीढ़ के मानकी लागुड़ा देवगम, जोजोगुटु के मुंडा कानूराम देवगम, छोटानागरा मुंडा बिनोद बारिक, समाजसेवी सुशेन गोप, पान-तांती समाज के पदाधिकारी पंकज आदि ने बताया कि जिला प्रशासन सारंडा में स्थित सेल, टाटा स्टील की विभिन्न खदानों से डीएमएफटी फंड के रूप में प्रतिवर्ष अरबों रुपये लेती है, लेकिन वह ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल तक उपलब्ध नहीं करा पा रही है. यह पैसा किन लोगों के विकास पर खर्च होना चाहिए, पैसा किस योजना पर खर्च हो रहा है तथा कहां जा रहा है, इसकी जानकारी जिला प्रशासन को सार्वजनिक करनी होगी. प्रशासन न तो खदानों से आ रही लाल पानी को रोक पा रही है और न ही हम ग्रामीणों को शुद्ध पानी दे पा रही है. ऐसे में हम मरें या जीयें यह सरकार व प्रशासन बताये. बहदा के मुंडा रोया सिद्धू व राजाबेड़ा मुंडा जामदेव चाम्पिया ने बताया कि हमारे गांवों में तो उक्त जलमीनार से पानी की आपूर्ति भी नहीं हो रही है. कुछ ग्रामीणों व महिलाओं ने तो उक्त पानी प्लांट के दोनों स्टाफ को बदलकर कोई जागरुक स्टाफ को रखने की मांग कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : Kiriburu : मेघाहाताबुरु श्रमिक संघ ने पर्यावरण दिवस पर किया पौधारोपण
[wpse_comments_template]